बंगाल में बदलाव से डरी हुई है ममता, भाजपा को रोकने तैयार की पूर्व माओवादियों की पलटन

कोलकाता : समाचार ऑनलाइन – देश में इन दिनों राजनीतिक माहौल गरम है। बात करें पश्चिम बंगाल की तो वहां मौजूद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की सरकार है। नोटबंदी के बाद से मोदी बनाम ममता की लड़ाई दिखाई दे रही है। मोदी सरकार को रोकने के लिए दीदी (ममता) पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। अब खबरें सामने आ रही है कि बंगाल यानि की दीदी के गड़ में खुद दीदी भाजपा से डरी हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब दीदी को बंगाल में भाजपा के एंट्री से डर लगने लगा है। इस बीच खबर है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए पूर्व माओवादियों की पलटन और कट्टरपंथियों से लड़ चुके लोगों को एकजुट किया है। कभी माओवादियों का गढ़ रहे जंगलमहल के अंतर्गत झाड़ग्राम,मेदिनीपुर, बांकुरा तथा पुरुलिया जिले आते हैं। तृणमूल कांग्रेस ने जो पलटन तैयार की है उसमें माओवादी समर्थित पुलिस अत्याचार विरोधी जन सामिति (पीसीएपीए) के सदस्य हैं तो कुछ ‘जन जागरण मंच’ जैसे ग्राम प्रतिरोधक गुट के लोग भी शामिल है जिसने 2010-12 में उग्रवादियों से लोहा लिया था।

ऐसे लोगों को एकजुट करने वाले तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम मिदनापुर जिले के अध्यक्ष अजित मैत्री ने कहा कि ऐसा बल इस समय की आवश्यकता है क्योंकि भाजपा के खिलाफ लड़ाई राजनीति के साथ ही विचारधारा की भी है। मैत्री ने कहा कि ‘‘भाजपा जैसी कैडर आधारित पार्टी से लड़ने के लिए आपको कैडर आधारित पलटन की ही जरूरत है। पूर्व माओवादी , पीसीएपीए के सदस्यों को जमीनी हकीकत की बेहतर समझ है साथ ही उन्हें जनता के बीच अपनी बात पहुंचाने तथा विचारधारा से जुड़े संदेशों की काट के तरीके भी पता हैं” | आगे उन्होंने कहा कि ‘‘उनमें बेहतरीन संगठनात्मक कौशल है। इसलिए हमने उन्हें एक साथ लाने की सोची ताकि जन संपर्क के लिए एक बेजोड़ पलटन तैयार की जा सके” |

अजित मैत्री ने कहा कि भाजपा के खिलाफ प्रचार के लिए कम से कम 200 लोगों का दल पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम मिदनापुर में तृणमूल कांग्रेस की सबसे बड़ी दुश्मन है भाजपा और आरएसएस। बात चाहे जो भी हो देखने वाली बात यह होगी कि क्या 2019 में बंगाल में भाजपा की सीट्स में बढ़ोतरी होगी या दीदी गड़ में दीदी की ही राज रहेगी।