नदी सुधार की रकम से सरकार का बकाया चुकाएगी मनपा, विरोध के बीच प्रस्ताव मंजूर

पुणे | समाचार ऑनलाइन – विपक्षी दलों के विरोध को दरकिनार करते हुए सत्ताधारी भाजपा ने पुणे मनपा के जल संसाधन विभाग को 65 करोड़ रुपए देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सोमवार को मनपा की साधारण सभा में बहुमत से यह प्रस्ताव पारित किया गया. दरअसल, मनपा ने नदी सुधार परियोजना (जायका) के लिए बजट में 90 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था. इस प्रोजेक्ट के लिए खर्च नहीं हुई धनराशि को जल संसाधन विभाग को देने का प्रस्ताव साधारण सभा में पेश किया गया, ताकि विभाग का पानीपट्टी का बकाया चुकाया जा सके, लेकिन विपक्षी दलों ने इसका पुरजोर विरोध किया.

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उनका कहना था कि क्या मनपा जायका प्रोजेक्ट को बंद करना चाहती है, इसलिए उसकी आवंटित राशि को दूसरे कार्यों में प्रयुक्त किया जा रहा है. विपक्षी नगरसेवकों का यह भी कहना है कि एक तरफ शहर में गंदे पानी को साफ़ करने की परियोजना धनराशि के अभाव में लटकी हुई है, मगर सत्ताधारी भाजपा को उसकी कोई चिंता नहीं. जो राशि राज्य सरकार का बकाया चुकाने में इस्तेमाल की जा रही है, उससे शहर की गंदे पानी की समस्या को हल किया जा सकता था.

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वहीं, सफाई देते हुए जलापूर्ति विभाग के अधीक्षक अभियंता प्रवीण गेडाम ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा 2011 में जल दरों की इजाफा किया गया था. जिसके आधार पर विभाग ने मनपा को 354 करोड़ का बिल मनपा को भेजा था. जिस समय जलापूर्ति समझौता हुआ, उस समय 95 फीसदी जल पीने और 5 फीसदी कमर्शियल कामों के लिए इस्तेमाल किया गया. मगर जल संसाधन विभाग ने 89 प्रतिशत पीने के लिए और 11 फीसदी अन्य कार्यों के लिए निर्धारित रखते हुए दोगुना पानीपट्टी लगाई. इस वजह से रकम बढ़कर 354 करोड़ हो गई.

प्रवीण गेडाम ने आगे बताया कि एसटीपी प्लांट से 545 एमएलदी पानी शुद्ध करके छोड़ा जाता है, जिसकी राशि के साथ ही दोगुना पानीपट्टी की रकम और अन्य राशि आदि इस तरह 152 करोड़ विभाग को देना शेष है. इस संबंध में प्रशासन ने राज्य वॉटर ट्रिब्यूनल में शिकायत की है, जिसपर अगले महीने 22 तारीख को सुनवाई होनी है. मौजूदा वक़्त में बकाया 152 करोड़ में से 65 करोड़ देने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा गया था, इससे जायका परियोजना का काम प्रभावित नहीं होगा. परियोजना की केवल उसी धनराशि का इस्तेमाल यहाँ किया जाएगा, जो अब तक खर्च नहीं की जा सकी है.