इस आंदोलन में इस ओर ध्यानाकर्षित किया गया कि, सांगवी में सत्तादल के नगरसेवक के बियर बार के डिस्काउंट की घोषणा करने वाले बोर्डों को छुआ तक नहीं गया। मगर शास्तिकर से माफी की याद दिलाने वाले काउंटडाउन के बोर्ड हटाकर भाजपा ने साबित कर दिया कि शास्ति से मुक्ति की घोषणा ‘गाजर’ ही थी। इस निषेध सभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना, महराष्ट्र नवनिर्माण सेना, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल, संगठनों के नेताओं ने हिस्सा लिया। सत्तादल भाजपा और उसकी ताल पर नाचने वाले प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। साथ ही जल्द ही विपक्षी दलों की एक बैठक से आंदोलन की अगली दिशा तय करने का फैसला किया गया।
ज्ञात हो कि आगामी चुनावों के मद्देनजर भाजपा को जिन लंबित मसलों का भय सता रहा हैं उनमें सबमें ऊपर शास्तिकर का मसला है। पिंपरी चिंचवड़ में अपनी पार्टी ‘कारभारी’ विधायकों को सता रहे इस भय को दूर करने का भरोसा दिलाते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडवणीस ने 9 जनवरी को 15 दिन के भीतर शास्ति कर से मुक्ति दिलाने की घोषणा की है। विपक्षी दलों ने मनपा मुख्यालय के सामने भाजपा और मुख्यमंत्री को उनका वादा याद दिलाने के लिए काउंटडाउन दर्शाने वाला बोर्ड लगा दिया। यह काउंटडाउन 24 जनवरी को खत्म होने जा रहा था कि बीती शाम अचानक यह बोर्ड ही गायब कर दिया गया। इसके विरोध में आज यह आंदोलन किया गया।