मराठा आरक्षण: फडणवीस सरकार इन मराठा नेताओं को बनाएगी संकटमोचक

पुणे | समाचार ऑनलाइन
लगातार उग्र बनते जा रहे मराठा आंदोलन से महाराष्ट्र सरकार की नींद हराम हो गई है। लगातार पांच दिनों तक पूरा राज्य आंदोलन की आग में झुलसता रहा है। इसी बीच राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण के मसले का हल निकालने के लिहाज से सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है। मराठा आंदोलन से राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार पर भी खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में सरकार को संकट से उबारने के लिए महाराष्ट्र के तीन दिग्गज मराठा नेता आगे आ सकते हैं। सियासी गलियारों में यह भी कहा जा रहा है कि, सरकार की ओर से इन तीन नेताओं को अपना संकटमोचक बनाने की पहल की जा चुकी है।
महाराष्ट्र के ये तीन दिग्गज मराठा नेता कोई औऱ नहीं बल्कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के सांसद और छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले, भाजपा सांसद संभाजीराजे भोसले और कट्टर मराठा व एक फायरब्रांड लीडर के तौर पर पहचाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे हैं। पूरे महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की लड़ाई तेज हो गई है। इस बीच शिवसेना समेत विपक्षी दलों की ओर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पद से हटाने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। राज्य की फडणवीस सरकार पर मंडराते खतरे को दूर करने और मराठा आरक्षण का मसला हल करने के लिए बैठकों के दौर शुरू है। इसी कड़ी में शनिवार को सर्वदलीय गुटनेताओं की बैठक बुलाई गई है।
सर्वदलीय बैठक के साथ ही राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण का मसला हल करने के लिए सांसद छत्रपति उदयनराजे, सांसद छत्रपति संभाजीराजे और महाराष्ट्र स्वाभिमानी संगठन के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे की मदद लेने का फैसला किया है। कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस के शासनकाल में मराठा आरक्षण समिति के अध्यक्ष के तौर पर राणे ने अहम भूमिका निभाई है। ये तीन नेता अगर मराठा आंदोलन में शामिल संगठनों के नेताओं के साथ चर्चा करते हैं तो दिन ब दिन उग्र बनते जा रहे मराठा आंदोलन को शांत किया जा सकता है। साथ ही अदालती पचड़ों में फंसे मराठा आरक्षण के मसले का हल भी निकाला जा सकेगा। यही वजह है कि राज्य सरकार ने इन नेताओं की मदद लेने की ठानी है।