रियल इस्टेट एजेंटों पर चला महारेरा का डंडा 

पुणे : समाचार ऑनलाईन – रियल इस्टेट रेग्युलेशन एक्ट यानी रेरा कानून के तहत रियल इस्टेट एजेंटों के लिए रजिस्टेशन कराना अनिवार्य है। इसके मद्देनजर महारेरा ने 19 हजार 782 लोगों को एजेंट के रूप में रजिस्टर किया है। इन एजेंटों पर कानून की नजर रहेगी। घर लेने के लिए ग्राहकों को एजेंट की मदद लेनी पड़ती है। ग्राहकों को घर दिलाने में एजेंट मदद करते हैं। रेरा कानून में बिल्डरों और ग्राहकों तक ही सीमित न रहकर कंस्ट्रक्शन व्यवसायी निगड़ी के रियल इस्टेट एजेंट को भी इस कानून में शामिल किया गया है। इसके अनुसार नये कंस्ट्रक्शन के विज्ञापन, बिक्री या खरीदी संबंधी कार्यों के लिए एजेंटों को प्राधिकरण के पास रजिस्टर किया गया है।

रेरा कानून को अमल में लाये दो वर्ष हो चुके हैं। 2018 में 15 हजार 792 एजेंट ने रजिस्ट्रेशन कराया था। जबकि अब तक रेरा के पास 19 हजार 782 एजेंटो ने रजिस्ट्रेशन कराया है। एक वर्ष में करीब 3 हजार 900 एजेंट ने रजिस्ट्रेशन कराया है। प्राधिकरण के पास रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने में पिछले तीन वर्षों का इन्कम टैक्स पेपर्स जमा करना होगा। पिछले पांच वर्षों में जिस तरह से रियल इस्टेट एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं उन बिल्डरों को पूरी डिटेल देनी होगी। इसके अलावा एजेंटों पर लंबित सभी दिवानी या फौजदारी मामलों की जानकारी देना अनिवार्य है ताकि एजेंटों के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी ग्राहकों को मिलने में मदद हो। एजेंट के कार्यालय में रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र नंबर सामने लगाना अनिवार्य है।

नहीं तो लगेगा जुर्माना

अब कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट की सेवा, सुविधा, विशेष दर्जा या झूठी जानकारी देने, प्रोजेक्ट की मंजूरी को लेकर झूठी बात ग्राहकों को बताने का काम एजेंट नहीं कर पाएंगे। इससे कंस्ट्रक्शन को लेकर ग्राहकों को सही जानकारी मिलेगी। एजेंटों को रजिरट्रेशन के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर उनसे जुर्माना वसूला जाएगा।