महापौर राहुल जाधव का नगरसेवकों पर गंभीर आरोप

पिंपरी। संवाददाता- ससंदीय लोकशाही ने जनप्रतिनिधियों को सभागृह में जनता के मसलों पर सवाल उठाने का हक दिया है। हालांकि उनके सवाल स्वीकारने और नाकारने का हक पीठासीन अधिकारी को है। मगर पिंपरी चिंचवड मनपा में पीठासीन अधिकारी यानी महापौर राहुल जाधव जनप्रतिनिधियों के हक का हनन कर रहे हैं। विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे इस आरोप के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि, जनप्रतिनिधि सवाल उठाने के अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं।
जब महापौर से प्रति प्रश्न किया गया कि क्या जनप्रतिनिधियों द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग किये जाने का कोई मामला उनकी जानकारी में है? इसका कोई सटीक जवाब वे न दे सके। इसके विपरीत न केवल विपक्ष बल्कि किसी भी पार्टी के नगरसेवक के सवाल नहीं स्वीकार कर रहे हैं, यह बताना भी वे नहीं भूले। नगरसेवकों द्वारा सभागृह में सवाल उठाने के अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया जा रहा है, महापौर राहुल जाधव के इस स्पष्टीकरण पर ताज्जुब के साथ ही नाराजगी जताई जा रही है। आने वाली सर्व साधारण सभा में विपक्षी दल इस मुद्दे पर महापौर और सत्तादल भाजपा को घेरने की तैयारियों में हैं।
संसदीय लोकशाही व्यवस्था में जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों को जनता के हित, उनके न्याय, अधिकार के लिए सवाल उठाना औऱ प्रशासन से जवाब मांगना, गलत नीतियों का विरोध जताने के अधिकार है। महानगरपालिका अधिनियम की अनुसूची प्रकरण 2 में नियम 5 के अनुसार सभागृह में लिखित रूप से सवाल उठाना और उसका जवाब मांगने का प्रावधान है। सभा से सात दिन पहले लिखित सवाल महापौर को देना होता है और उसे स्वीकारा जाय या नहीं यह अधिकार महापौर का होता है। हालांकि महापौर जाधव अपने इस अधिकार का अपनी सहूलियत के अनुसार इस्तेमाल कर रहे हैं। न केवल विपक्ष के नेता दत्ता साने बल्कि सत्तादल के नगरसेवक तुषार कामठे के सवालों को भी नहीं स्वीकारा है। अब इसकी वजह बताने के साथ महापौर ने जो गंभीर आरोप लगाया है उस पर नया बवाल मचने के आसार नजर आ रहे हैं।