सैंपल में फफूंदी…जिला अस्पताल में हुआ बड़ा खुलासा, देश का पहला मामला

मुंबई. ऑनलाइन टीम : कोरोना संक्रमण को लेकर पूरी दुनिया गंभीर है। लापरवाही नहीं बरतने और सतर्क रहने की हिदायतें दी जा रही हैं। लोगों की लापरवाहियों पर तो नकेल कसी जा रही है। दंड लगाए जा रहे हैं, सजा देने की बात की जा रही है, लेकिन सरकारी अस्पताल में लापरवाही का एक ऐसा मामला सामने आया है, जो चौंकानेवाला है।

जानकारी के अनुसार,  वाशिम में जिला अस्पतालों में कोरोना सैंपल लेने के बाद उसे सही से नहीं रखने की वजह से लैब में पहुंचने से पहले ही इनमें फंगस लग गए हैं। जिला अस्पतालों से मिले 310 में 110 सैंपल में फंफूदी लगी थी। नतीजा यह हुआ कि लैब ने इनकी टेस्टिंग से साफ इनकार कर दिया है। मतलब लगभग तिहाई सैंपल फिर से लेने पड़ेंगे और तब तक अगर इसमें कोई संक्रमित हुआ तो कई और लोग संक्रमित हो चुके होंगे। यह देश का शायद पहला ऐसा मामला होगा, जहां पर कोरोना के सैंपल लैब में पहुंचने से पहले ही खराब हो गए। बहरहाल, पूरे मामले में प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।

नियमों के मुताबिक, कोरोना के सैंपल को 48 घंटे पहले लैब में जांच के लिए भेजना होता है। साथ ही सैंपल को 2 से 6 डिग्री तापमान में रखा जाता है। 48 घंटे तो सैंपल ठीक रहते हैं, लेकिन अगर तापमान ठीक नहीं रहा, तो सैंपल में टर्बिडिटी हो जाती है, जो सैंपल को सड़ा देता है।

बता दें कि महाराष्ट्र के वाशिम में कई दिनों से कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले पांच दिनों में 850 से ज्यादा कोरोना के मामले वाशिम में आ चुके है। कुछ दिन पहले वाशिम के ही एक स्कूल में 327 में 229 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद स्कूल के हॉस्टल को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया था। ऐसे में यह लापरवाही कतई क्षम्य नहीं। खासकर संक्रमणकाल की अनदेखी तो बिल्कुल ही क्षम्य नहीं।