मुश्किल में मोदी सरकार: आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल देंगे इस्तीफा!

मुंबई  | समाचार ऑनलाइन – स्वायत्तता के मुद्दे पर रिज़र्व बैंक और सरकार आमने-सामने आ चुके हैं. सीबीआई के बाद सरकार के लिए यह दूसरी बड़ी परेशानी है, जिसमें जल्द और इजाफा होने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, इस विवाद से नाराज़ आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल अपने पद से इस्तीफ़ा देने का मन बना चुके हैं. संभावना है कि जल्द ही वह इसकी घोषणा कर दें. दरअसल, पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक के डेप्युटी गवर्नर विरल आचार्य ने एक कार्यक्रम में आरबीआई की स्वायत्तता का हवाला देते हुए सरकार को चेतावनी दी थी. आचार्य ने कहा था कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता को नजरअंदाज करना विनाशकारी हो सकता है. उन्होंने कहा था कि आरबीआई की नीतियां नियमों पर आधारित होनी चाहिए. जिसके बाद से सरकार और आरबीआई आमने-सामने आ गए हैं.

आचार्य को जवाब देते हुआ वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि 2008-2014 के बीच बैंकों द्वारा अंधाधुंध कर्ज बांटे गए. इसे नियंत्रित करने में रिज़र्व बैंक असफल रहा. जेटली ने बातों बातों में यह भी इशारा किया कि बैंकिंग सिस्टम में कर्ज डूबने की जो समस्या है, उसके लिए भी काफी हद तक आरबीआई ज़िम्मेदार है. ख़बरों के अनुसार, सरकार के रुख से उर्जित पटेल काफी नाराज़ हैं और जल्द ही वो अपना इस्तीफ़ा सौंप सकते हैं. हालांकि, रिज़र्व बैंक की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यदि पटेल इस्तीफ़ा देते हैं, तो निश्चित तौर पर यह मोदी सरकार के लिए करार झटका होगा.  उर्जित पटेल ने 20 अगस्त 2016 में रघुराम राजन के बाद आरबीआई गवर्नर का पदभार संभाला था. नोटबंदी जैसा महत्वपूर्ण फैसला उन्हीं के कार्यकाल में लिया गया था.

पीएम ने किया ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण, कांग्रेस पर साधा निशाना

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन किया। सरदार पटेल की यह प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची है। मोदी ने इस मौके पर जहां ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के लिए पटेल के दिखाए रास्ते पर चलते रहने का आह्वान किया, वहीं  कांग्रेस समेत विरोधियों पर हमले का मौका भी नहीं गंवाया। पीएम ने कहा कि आज देश के उन सपूतों का सम्मान हो रहा है जिन्हें चाह कर भी इतिहास में भुलाया नहीं जा सकता। हालांकि उन्होंने अपने संबोधन में कांग्रेस या किसी पार्टी का जिक्र नहीं किया लेकिन यह जरूर कहा कि आज महापुरुषों की प्रशंसा के लिए भी हमारी आलोचना हो रही है।

पीएम ने कहा कि किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं जब वे पूर्णता का एहसास कराते हैं। ये वे पल होते हैं जो किसी राष्ट्र के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाते हैं और उसे मिटा पाना मुश्किल होता है। आज का यह दिन भारत के लिया यादगार दिन है। भारत की पहचान, भारत की सम्मान के लिए समर्पित एक विराट व्यक्तित्व को उचित स्थान नहीं दे पाने का एक अधूरापन लेकर आजादी के इतने वर्षों तक हम चल रहे थे। आज भारत के वर्तमान ने अपने इतिहास के एक स्वर्णिम पुरुष को उजागर करने का काम किया है।

स्टैचू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद मोदी ने कहा, ‘आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है, जब भारत ने न सिर्फ अपने लिए एक नया इतिहास रचा है बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुंबी आधार तैयार किया है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे सरदार साहब की इस प्रतिमा को देश को समर्पित करने का अवसर मिला है। जब गुजरात के सीएम के तौर पर इसकी कल्पना की थी तो अहसास नहीं था कि पीएम के तौर पर मुझे ही यह पुण्य काम करने का मौका मिलेगा।’