मोदी सरकार के लिए झटका! 10 लाख नौकरियां खतरे में

 

मुंबई : समाचार ऑनलाईन – बांग्लादेश से हो रहा कपड़ों का अनियंत्रित शुक्लमुक्त आयात और वहीं चीनी कपड़ों का पिछले दरवाजे से प्रवेश अभी भारतीय वस्त्रोद्योग का सबसे बड़ा सिरदर्द है। सरकार अगर इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान नहीं निकालती तो अगले तीन सालों में वस्त्रोद्योग क्षेत्र में 10 लाख नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी। यह चेतावनी वस्त्र निर्माताओं के संगठन क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) ने दी है।
सीएमएआई के अध्यक्ष राहुल मेहता ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश के साथ मुक्त व्यापार करार (एफटीए) किया है।

इसके चलते बांग्लादेश कोई भी टैक्स दिए बिना उसके कपड़े भारत में निर्यात कर सकता है। इसका फायदा उठाते हुये बांग्लादेश में उत्पादक चीन से करमुक्त स्वरूप में पहले कपड़ा आयात करता है, फिर इसके रेडीमेड वस्त्र बनाकर उसे भारत में सस्ते में निर्यात करते हैं। इस तरह से चीनी कपड़े का पिछले दरवाजे से भारत में प्रवेश खुल गया है। इस तरह बांग्लादेश से भारत में हो रहे आयात में 2016-17 की तुलना में 161 प्रतिशत वृद्धि हुई है। अब यह वृद्धि 365 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। इसी तरह आयात होती रही तो 2024-25 तक बांग्लादेश से हो रहा आयात 3।6 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, यह डर मेहता ने व्यक्त किया है।

वहीं विरोधाभास यह है कि भारत से बांग्लादेश में निर्यात करने हेतु 125 प्रतिशत शुल्क चुकाना पड़ता है। सरकार को तत्काल इसमें हस्तक्षेप करके कर संबंधी विरोधाभास दूर करना चाहिए। यह मांग सीएमएआई ने की है। ऐसा न करने पर देश के वस्त्रोद्योग में 10 लाख लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ेगा। यह चेतावनी भी संगठन ने दी है।