मोदी ने मतुआ समुदाय की ‘बोरोमा’ से मुलाकात की

ठाकुरनगर (पश्चिम बंगाल) (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दलित समुदाय ‘ऑल इंडिया मतुआ महासंघ’ की कुलदेवी बीनापाणि देवी से मुलाकात की। बीनापाणि को राज्य में एक बड़े तबके में प्रभावशाली माना जाता है। मोदी कोलकाता स्थित ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा’ से भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के हेलीकॉप्टर से कोलकाता से 67 किलोमीटर दूर स्थित ठाकुरनगर गए। यह कस्बा बांग्लादेश की सीमा के निकट है।

उन्होंने मतुआ मुख्यालय में स्थित नट मंदिर में पूजा की और इसके बाद ‘बोरोमा’ बीनापाणि देवी से पांच मिनट मुलाकात की। ‘मोदी-मोदी’, ‘जय श्री राम’ और ‘जय बोरोमा’ के नारों के बीच मोदी ने उनसे आशीर्वाद मांगा। इसके बाद मोदी ने समुदाय द्वारा आयोजित जनसभा को संबोधित किया। महासंघ के महासभापतियों में से एक मंजुल कृष्णा ठाकुर के बेटे शांतनु ठाकुर और अन्य नेताओं ने मतुआ परंपरा के अनुसार प्रधानमंत्री को शॉल, माला और स्मृति चिह्न देकर उनका स्वागत किया। समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने ठाकुरनगर की मिट्टी को पवित्र बताया।

इसके बाद उन्होंने मतुआ समुदाय के दिवंगत नेता ठाकुर गुरुचंद और हरिचंद का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने ठाकुरनगर को हरिचंद ठाकुर द्वारा शुरू किए गए सामाजिक आंदोलन का गवाह बताया। उन्होंने कहा, “पूरे बंगाल में फैले उस आंदोलन ने राज्य को समृद्ध किया। देश की सामाजिक बनावट में, उपेक्षित वर्ग को समानता और समान अधिकारों और उन्हें एक करने के मिशन में उनका योगदान एक प्रतीक है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे ‘बरो-मा’ और हरिचंद ठाकुर के वंशजों के साथ होने पर गर्व है। मैं ठाकुरनगर की इन सभी महान हस्तियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”

मतुआ समुदाय मुख्य रूप से बांग्लादेश से आए छोटी जाति के हिंदू शरणार्थी हैं और इन्हें लगभग 70 लाख की जनसंख्या के साथ बंगाल का दूसरा सबसे प्रभावशाली अनुसूचित जनजाति समुदाय माना जाता है। बनगांव लोकसभा क्षेत्र में 50 फीसदी से ज्यादा मतुआ समुदाय के लोग हैं। हालांकि प्रदेश के विभिन्न दक्षिणी जिलों में इस समुदाय की जनसंख्या लगभग एक करोड़ है, जो प्रदेश की कुल 294 विधानसभा सीटों में से कम से कम 74 सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। हर चुनाव से पहले सभी पार्टियों के लिए ठाकुरनगर स्थित मतुआ कुलमाता ‘बोरोमा’ से मिलना और उनका समर्थन मांगना एक प्रथा-सी बन चुकी है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार को प्रदेश में 2011 और फिर 2016 विधानसभा चुनाव जिताने में मतुआ समुदाय ने बड़ी भूमिका निभाई थी।