मोदी, शाह ने ‘इस’ एक नेता पर किया अतिविश्वास और बिगड़ गया भाजपा का गणित

समाचार ऑनलाइन- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का भूपेंद्र यादव पर अतिविश्वास भाजपा की लुटिया डुबो गया. यह कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि भाजपा के पास अधिक संख्याबल होने के बावजूद, वह सरकार नहीं बना सकी और राज्य की सत्ता भाजपा के हाथ से निकल गई. भाजपा ने भूपेंद्र यादव को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी. फडणवीस सरकार के गठन के लिए अजीत पवार का समर्थन लेने में भूपेंद्र यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लेकिन यादव ने यह अनुमान लगाने में चूक कर दी कि, राकांपा के कितने विधायक अजीत पवार का समर्थन करते हैं.

बताया जा रहा है कि अजीत पवार की अपनी पार्टी से चल रही नाराजगी को भूपेंद्र यादव ने भांप लिया था. इसका फायदा उठाते हुए यादव ने पवार से बात करना शुरू कर दिया. यह माना जा रहा था कि ज्यादातर राष्ट्रवादी विधायक अजीत पवार के साथ हैं. इसी गलतफहमी में भाजपा ने अजीत पवार पर अपना दांव लगा दिया. शुरुआत में, सभी  भाजपा नेताओं ने यह दावा करना शुरू कर दिया कि उन्हें पूरे राकांपा का समर्थन प्राप्त है. हालांकि, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने इस दावे को खारिज कर दिया और यह स्पष्ट किया कि वह शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के पक्ष में थे। अजीत पवार द्वारा दिए गए झटके के बाद, शरद पवार एक बार फिर पार्टी में आए और सभी विधायकों को एकजुट किया. इसके बाद अजीत पवार की भी घर वापसी हो गई है और फड़नवीस को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ गया.

भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब  शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस एकजुट हो गई है. साथ ही विकास की सरकार चलाने के लिए तैयार हैं.