फिल्म रिव्यु: दमदार एक्टिंग के बावजूद दर्शकों को रोक नहीं पाती “जीरो”

पुणे :समाचार ऑनलाइन (असित मंडल) : – आनंद.एल.रॉय द्वारा निर्देशक फिल्म “जीरो” आज रिलीज हो चुकी है। शाहरुख, अनुष्का और कैटरीना जैसे सितारों से सजी यह फिल्म लोगों को काफी पसंद आ रही है। जीरो की कहानी बउआ सिंह (शाहरुख खान) के इर्दगिर्द घूमती है। बउआ एक ऐसा किरदार है, जिससे आप नफरत भरा प्यार करेंगे। भले ही आपको बउआ सिंह की बातें या हरकतें पसंद न आएं, लेकिन उसके किरदार को प्यार किए बिना नहीं रह पाएंगे। मेरठ से लेकर मंगल तक की इस कहानी को विज्ञान, ग्रहों के बीच के सफर और अविश्वसनीय प्यार जैसे विचारों के साथ परोसा गया है, हालांकि ऐसा करने के चक्कर में फिल्म कई जगह मात खा जाती है। एक साथ कई भावों और विचारों को दिखाने के चक्कर में ‘जीरो’ किसी एक के साथ भी न्याय नहीं कर पाती। वैसे कुछ सीन बेहद दमदार हैं।

कहानी – 
“जीरो” की कहानी शुरू होती है मेरठ के 38 साल के बऊआ सिंह (शाहरुख खान) से। जिसकी छोटी हाइट के कारण शादी नहीं हो पाती है। इसके बाद फिल्म फ्लैशबैक में चली जाती है। बऊआ एक मैरिज ब्यूरो के जरिये आफिया भिंडर (अनुष्का शर्मा) नामक एक साइंटिस्ट से मिलता है, जो सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से पीड़ित है। आफिया जीरो ग्रेविटी पर रिसर्च करती है। इसके वो अलावा मार्स के लिए एक एक्सपीडिशन तैयार कर रही है। बऊआ उससे मिलता है और प्यार का एक छलावा करता है। मगर आफिया उसके घर पहुंच जाती है और उससे शादी करना चाहती है। बऊआ के पेरेंट्स शादी फिक्स कर देते हैं, मगर वो शादी के मंडप से भाग जाता है।

कहानी के दूसरी तरफ, बऊआ एक्ट्रेस बबीता कुमारी (कटरीना कैफ) का बड़ा फैन है। एक रात शराब के नशे में धुत बबिता, बऊआ को एक किस कर देती है। शादी के दिन बऊआ जैसे ही घोड़े पर सवार होता है तब उसे एक डांस कॉन्टेस्ट के जरिए बऊआ को बबीता कुमारी के साथ एक शाम गुजारने का मौका मिलता है, लेकिन, बऊआ  और बबिता को अपनी-अपनी मंजिल मिलती है तो वहां से उलटी गिनती शुरू हो जाती है। सबसे अच्छी बात यह है कि फिल्म के इन किरदारों ने अपने फिजिकल चैलेंजेस को अपने स्वभाव और मिज़ाज पर हावी नहीं होने दिया है। शाहरुख तो रोमांस के बादशाह हैं ही और उन्होंने फिल्म में अपना रोमांटिक किरदार पर्फेक्शन के साथ निभाया है। बौने किरदार में शाहरुख जमे हैं।

अभिनय –
कटरीना का रोल बेहद छोटा है, लेकिन उन्होंने भी इंप्रैस किया है। जहां तक अनुष्का शर्मा के किरदार की बात है तो उसमें काफी संभावनाएं थीं और उसे और भी जानदार बनाया जा सकता था। अनुष्का ने सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित का किरदार निभाने के लिए जो व्यावहारिक चित्रण किया, वह कुछ खास नहीं लगा। फिल्म में अभिनय और डायलॉग्स प्रभावशाली हैं। लेकिन फिल्म की पटकथा थोड़ी कमजोर है, जो खासकर फिल्म के सेकेंड हॉफ को सुस्त बनाती है और फर्स्ट हॉफ से बने इमोशनल कनेक्ट को भी डगमगा देती है। लेकिन फिल्म के गाने आपको काफी पसंद आएंगे। आनंद एल राय ने अपने बेजोड़ निर्देशन से फिल्म को शानदार बना दिया है।

फिल्म की मजबूत कड़ी –
एक चीज जो फिल्म को बांधे रखती है, वह है फिल्म के डायलॉग्स, जो बखूबी लिखे गए हैं। यही फिल्म की जान है। इसके अलावा फिल्म का वीएफएक्स के काम खासकर स्पेस सीन बेहतरीन हैं। शाहरुख खान ने अपने करियर के इस पड़ाव में काफी चैलेंजिंग रोल किया है। फिल्म में किंग शाहरुख और मोहम्मद जीशान आयुब के बीच कुछ कॉमिडी सीन्स हैं और वे जानदार हैं। फिल्म के गाने ‘मेरे नाम तू’ को शाहरुख ने अपने डांस से कलरफुल और एंटरटेनिंग बना दिया है। फिल्म में शाहरुख खान को बौना दिखाना हो या रॉकेट लांच करना हो,सभी सीन पर्दे पर बेहतरीन दिखते हैं। सिनेमेटोग्राफर मनु आनंद ने भी फिल्म को खूबसूरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।



डायरेक्शन –
फिल्म बहुत लम्बी लगती है, कुछ हिस्से बेमतलब खींचे गए हैं। इसके साथ ही रोमांटिक और इमोशनल सीन देखकर आप अंदर तक पसीजेंगे भी नहीं। फ़िल्म की स्क्रिप्टिंग और एडटिंग पर ख़ास ध्यान रखने की ज़रूरत थी। बस फिल्म सेकेंड हाफ में दर्शकों को ज्यादा देर तक होल्ड नहीं कर पाई।

6 साल बाद एक साथ आये नज़र –
एक खास बात ये भी है कि शाहरुख खान, अनुष्का शर्मा और कैटरीना कैफ तकरीबन 6 साल बाद एक साथ किसी फिल्म में काम कर रहे हैं।  आखिरी बार तीनों ने ‘जब तक है जान’ में काम किया था।  इन तीनों के बीच में एक बार फिर से जबरदस्त केमिस्ट्री देखने को मिल रही है।  आनंद एल राय के डायरेक्श में बनी इस फिल्म की कहानी हिमांशु शर्मा ने लिखी है।वहीं इस फिल्म का संगीत अजय अतुल ने दिया है। 164 मिनट की ये फिल्म 200 करोड़ के बजट से बनी है। ‘जीरो’ को पूरी दुनिया के 5965 स्‍क्रीन पर रिलीज किया गया है। हमारी तरफ से इस फिल्म को 3.5 रेटिंग दी जाती है।