Mucormycosis: डर यहीं खत्म नहीं होता! कोरोना के बाद राज्य पर एक और संकट, बढ़ी चिंता

मुंबई/नई दिल्ली: राज्य में बीच अप्रैल से सख्त प्रतिबंध लगाने के कारण कोरोना मरीजो की संख्या में कमी आई है। पिछले महीने राज्य में रोजाना से 60 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित नए मरीज आते थे। अब यह आंकड़ा 30 हजार के अंदर आ गया है। राज्य में 31 मई तक सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसलिए कोरोना मरीजो की संख्या में और गिरावट आ सकती है। हालांकि राज्य में एक और संकट मंडरा रहा है। ब्लैक फंगस की वजह से राज्य के स्वास्थ्य सिस्टम पर तनाव बढ़ गया है।

देश में अब तक ब्लैक फंगस के 5500 मरीज मिले हैं। ब्लैक फंगस से मरने वाले मरीज की संख्या को अगर देखा जाए तो 70 प्रतिशत मरीज सिर्फ महाराष्ट्र में हैं। ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ने के कारण 5 राज्यों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। इसी बीच ब्लैक फंगस की वजह से स्थिति बिगड़ने के कारण इस बीमारी में इस्तेमाल किए जाने वाले लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी दवाई की कमी होने लगी है।

देश भर में 5500 लोगों को ब्लैक फंगस हुआ है। इसमे से 126 लोगों की मौत हो गई। इसमे से 90 लोग महाराष्ट्र के हैं। हरियाणा में 14, उत्तर प्रदेश में 8 लोगों ने ब्लैक फंगस की वजह से जान गंवाए हैं। उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस की वजह से जान गंवाने वाले सभी मरीज राजधानी लखनऊ के हैं। बिहार में ब्लैक फंगस के पीछे पीछे व्हाइट फंगस के मरीज भी मिले हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है।

कौन से राज्य में क्या स्थिति है?

झारखंड में ब्लैक फंगस की वजह 4 की मौत हुई है। छत्तीसगड, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में दो-दो लोगों की मौत हुई है। बिहार, असम, उड़ीसा और गोवा में 1-1 की मौत हुई है। कुछ राज्यो ने अभी तक ब्लैक फंगस की जानकारी इकट्ठा नहीं की है। इसलिए यह आंकड़ा बढने की संभावना व्यक्त की जा रही है।