पुणे – Mucormycosis | कोरोना के बाद जिले में म्युकरमायकोसिस (Mucormycosis) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही थी। जिससे स्वास्थ्य विभाग (health Department) की नींद उड़ गयी थी। अप्रैल से इस बीमारी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन, पिछले दो महीनों में इसकी संख्या में काफी गिरावट आई है। एक भी मौत की सूचना नहीं है।
ऐसे मरीज जो कोरोना से उबर चुके होते हैं, लेकिन जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है वे म्यूकोमाइकोसिस से संक्रमित हो रहे हैं। यह उन लोगों में विशेष रूप से देखा जा रहा है जिनका कोरोना के दौरान ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था। हालांकि यह बीमारी संक्रामक नहीं है, लेकिन अगर संक्रमण के बाद समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।
ग्रामीण इलाकों में अप्रैल में म्युकर माइकोसिस के 11 मरीज मिले, जबकि 6 की मौत हो गई। जून में सबसे ज्यादा 44 मरीज मिले, जबकि 3 की मौत हुई। ग्रामीण इलाकों में अब तक कुल 79 म्युकर माइकोसिस मरीज मिले हैं, जिनमें से 9 की मौत हो चुकी है। अब तक 66 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। वहीं 4 लोगों का इलाज चल रहा है।
जुलाई के पहले हफ्ते में मरीजों की संख्या बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कोई नया मरीज नहीं मिला। किसी के मरने की खबर नहीं होने से कुछ राहत भी मिली है। फिर पूरे महीने में 5 मरीज मिले। अगस्त माह में भी 18 तारीख तक पांच मरीज दर्ज हो चुके हैं।