रमजान ईद पर मुस्लिम विधवा को मिली अनूठी और अपनेपन की ‘ईदी’

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

रमजान ईद के दिन एक विधवा मुस्लिम महिला को एक मराठा हिंदू जनप्रतिनिधि की ओर से अनूठी और अपनेपन के ‘ईदी’ यानी ईद की सौगात देकर न केवल आपसी भाईचारे का आदर्श प्रस्तुत किया बल्कि मानवता का भी परिचय दिया। यह भेंट इस गरीब परिवार के लिए बेहद ही अनोखी और खास साबित हुई है।

तलेगाव दाभाडे नगरपरिषद के पूर्व उपनगराध्यक्ष तथा माई मावल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष सुनील शंकरराव शेलके ने चांदखेड (मावल) निवासी रेशमा अहमद शेख नामक महिला खेत मजदूर के घर की मरम्मत करके दी। यह घर करीब 50 साल पुराना होने के कारण काफी जर्जर हो चुका था। पिछले दो महीने से इस घर की मरम्मत का काम चल रहा था, जो कि बारिश के पहले ही पूरा हो गया। इस घर को शेलके ने ‘अपनापन’ नाम दिया है और संयोग से रमजान ईद के दिन पिंपरी चिंचवड़ के भूतपूर्व महापौर आजमभाई पानसरे के हाथों यह घर नए स्वरूप में रेशमा शेख को सौंपा गया।

वरिष्ठ पत्रकार अमीन खान की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें रेशमा शेख को उनका अपना घर नए रूप में सौंपा गया। पूर्व नगराध्यक्ष सुनील शेलके ने ‘अपनापन’ के माध्यम से इस संतभूमि पर सामाजिक एकता का अनोखा उदाहरण पेश किया है। इस मौके पर अपने संबोधन में अमीन खान ने शेलके की सराहना करते हुए कहा कि, एक तरफ जहां जनप्रतिनिधियों के प्रति लोगों का विश्वास लगातार कम होता जा रहा है, वहीं शेलके ने मानवता और आपसी भाईचारे का अनोखा उदाहरण समाज के सामने रखा है। उनके इस प्रयास से दूसरे जनप्रतिनिधियों को सबक लेने की आवश्यकता है।

पूर्व आजमभाई पानसरे ने कहा कि, सुनील शेलके ने तहसील के सभी समाज के लोगों की अपने पैसे खर्च कर मदद की है। विशेषत: ग्रामीण भाग के उपेक्षित लोगों के औषधोपचार, विवाह कार्य, वरिष्ठों के स्वास्थ्य-उपचार, भूखे वृद्धों के लिए प्रतिदिन घर पहुंच भोजन के डिब्बे, सामाजिक उपक्रमों के लिए निधि इस प्रकार अनगिनत तरीके से उन्होंने समाज की मदद की है और समाज में सामाजिक भाईचारा बढ़ाने के प्रयास किए है। अनेक गांवों के विकास के लिए सिर्फ सरकारी योजनाओं पर ही निर्भर न रहते हुए ग्रामीणों के श्रमदान और चंदे के माध्यम से और शेष राशि अपने पास से खर्च कर सामाजिक भाईचारे का जनत किया है।

रेशमा शेख ने कहा कि, आज जो घर मिला है, उसके कारण अब मेरी दो बच्चियों व एक बच्चे की पढ़ाई, पालन-पोषण और संसार में मां की भूमिका अच्छी तरह से निभाने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम की प्रस्तावना में सुनील शेलके ने कहा कि, जनप्रतिनिधि के रूप में काम करते हुए सभी को सामाजिक जिम्मेदारी का पूरा एहसास होना जरूरी है। इससे सामाजिक एकता मजबूत करने की ताकत मिलती है। पैसा कमाने से जो आनंद मिलता है, उससे ज्यादा आनंद सत्पात्री दानधर्म करने से मिलता है। विद्या ददति विनयं, विनयात याति पात्रतां, पात्रत्वाद धनमाप्नोति, धनाद धर्म तत: सुखं… इस भावना से माता-पिता द्वारा दिए गए संस्कारों से हम जातपात न देखते हुए जरूरतमंदों की पूरी ईमानदारी के साथ मदद कर रहा हूं। रेशमा बहन को उनका टूटाफूटा घर नया बनाकर देते समय मुझे बेहद खुशी हो रही है। इस अवसर पर सरपंच अमोल कांबले, उपसरपंच पोरस बारमुख, पुलिस पाटिल दत्ता माली, पूर्व नगराध्यक्ष रवींद्र दाभाडे, नगरसेवक संदीप शेलके, बाबुलाल नालवंद, अब्दुल शेख, सामाजिक कार्यकर्ता हसिना मुलाणी, अजित आगले, गोपीचंद गराडे, फाउंडेशन के कार्यकर्ता आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।