धार्मिक आधार पर मुस्लिमों को आरक्षण नहीं दिया जा सकता है : विनोद तावड़े 

मुंबई : समाचार ऑनलाईन – राज्य में मुस्लिमों को धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। यह बयान अल्पसंख्यक विकासमंत्री विनोद तावड़े ने शुक्रवार को विधान परिषद् में दिया। इस पर विरोधियों ने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि आघाडी के कार्यकाल में मुस्लिमों को मिले आरक्षण पर  हाई कोर्ट को जब ऐतराज नहीं है  फिर भी आप उन्हें आरक्षण क्यों नहीं दे रहे? इसे लेकर विधान परिषद् में हुए हंगामे के कारण सभापति को 5 मिनट के लिए सभा को रोकना पड़ा ।
आखिर सरकार मुस्लिमों को आरक्षण क्यों नहीं दे रही 
इस मौके पर विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे ने सभागृह से सवाल किया कि तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस सरकार ने राज्य के मुस्लिमों को सामाजिक, आर्थिक परिस्थिति को ध्यान में रखकर मराठा समाज के साथ मुस्लिम समाज को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का निर्णय लिया था । कोर्ट ने मुस्लिम समाज को शैक्षणिक आरक्षण देने का विरोध नहीं किया है।  वह आरक्षण आप क्यों नहीं दे रहे है?  इस पर ख्वाजा बेग, शरद रणपिसे, हेमंत टकले, जोगेंद्र कवाड़े, डॉ. वजाहत मिर्ज़ा आदि ने सभागृह से यह मांग करने लगे । इस पर विनोद तावड़े ने  जबाव दिया, ‘ धर्म के आधार पर हम आरक्षण नहीं दे सकते है ।’  उनके जबाव से संतुष्ट नहीं होने पर विरोधियों दवारा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे ।
मुस्लिम समाज के पिछड़े वर्ग को आरक्षण है 
विधान परिषद् के एक लक्ष्यवेदी सुचना के दौरान मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा हो गया । सभागृह नेता चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ” मुस्लिम समाज के पिछड़े वर्ग को आरक्षण मिला हुआ है । इसका पिछड़ा वर्ग आयोग सर्वे करेगी। लेकिन राज्य में 8 लाख रुपए से कम कमाई करने वालों को अन्य सुविधाएं दी जाती है । ऐसे में धर्म के नाम पर मुस्लिम समाज को आरक्षण नहीं दिया जा सकता हैं ।