Narada Sting : हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, TMC के चारों नेता रहेंगे हाउस अरेस्ट

कोलकाता : ऑनलाइन टीम – पश्चिम बंगाल के नारद स्टिंग मामले में शुक्रवार को कोलकाता हाई कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई में टीएमसी के चारों नेताओं को अंतरिम जमानत दे दी। हालांकि हाई कोर्ट ने चारों को फिलहाल हाउस अरेस्ट रखे जाने का आदेश दिया है। यह फैसला कोलकाता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सुनाया है। हालांकि इस फैसले को सुनाने में पीठ बंटी हुई दिखी।

अरिजीत बनर्जी टीएमसी नेता सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा, फिरहाद हाकिम और पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को जमानत देने के लिए सहमत थे। लेकिन, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल जमानत के खिलाफ थे। इसलिए अब इस मामले की सुनवाई बड़ी पीठ करेगी, तब तक टीएमसी नेताओं के नजरबंद रखने का आदेश दिया गया है। टीएमसी नेताओं की ओर से दलील रख रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने हाउस अरेस्ट पर स्टे की मांग की। बेंच में एक जज जस्टिस अरिजीत बनर्जी ने अंतरिम जमानत देने पर रजामंदी दी थी, लेकिन कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने हाउस अरेस्ट का आदेश दिया है।

बता दें कि बंगाल में चल रहे नारदा केस में तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं को 19 मई तक की हिरासत में रखने का आदेश दिया गया था। वहीं इन्हें कोलाकाता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। कोलकाता हाईकोर्ट ने नारद स्टिंग मामले में बीते सोमवार को देर रात सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के मंत्रियों और नेताओं को दी गई जमानत पर रोक लगा दी थी। सीबीआई स्पेशल कोर्ट की तरफ से दी गई जमानत पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, इसके बाद ये चारों न्यायिक हिरासत भेजे गए।

क्या है मामला

नारदा टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने साल 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर पैसा लेते नजर आए थे। यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 को सीबीआई जांच का आदेश दिया था।