अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन ईरान के राष्‍ट्रपति हसन रूहानी से मिले नरेंद्र मोदी

न्यूयॉर्क : समाचार एजेंसी – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों न्‍यूयार्क में हैं। वह वहां संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 74वें अधिवेशन में हिस्‍सा लेने पहुंचे है। वह सात दिवसीय दौरे पर है। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप समेत दुनिया के कई अन्‍य नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठक की। इस बीच उन्होंने कल ईरान के राष्‍ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की। बता दें कि इन दिनों अमेरिका का ईरान के साथ रिश्ता बहुत खराब है। दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। जैसे की पाक और भारत।

हाल तक इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था। अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत और सात अन्य देशों को ईरान से तेल खरीदने की छह महीने की लंबी छूट दो मई को समाप्त हो गई क्योंकि अमेरिका ने इसका विस्तार नहीं किया। पिछले कुछ वर्षों में भारत-ईरान संबंधों में तेजी आई है। गौरतलब हो कि भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने बंदरगाह के माध्यम से तीन देशों के बीच माल के परिवहन के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। फरवरी 2018 में, रूहानी ने भारत का दौरा किया, एक दशक में भारत आने वाले पहले ईरानी राष्ट्रपति बने। उनकी यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने एक दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

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अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर –
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम करने के यूरोपीय प्रयासों के बावजूद ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के दरवाजे बंद कर दिए। रूहानी ने यूएन महासभा में बुधवार को कहा कि जब तक अमेरिका आर्थिक दबाव बरकरार रखता है, वह बातचीत नहीं करेंगे। रूहानी ने कहा, मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि प्रतिबंधों के बीच किसी भी प्रकार की वार्ता पर हमारा जवाब नकारात्मक होगा। उन्होंने आगे कहा कि जब एक महान देश को चुपचाप खत्म किए जाने एवं आठ करोड़ 30 लाख ईरानियों पर दबाव बनाने का अमेरिकी सरकार के अधिकारी स्वागत कर रहे हैं, तो कोई उन पर कैसे भरोसा कर सकता है? ईरानी देश इन अपराधों और इन अपराधियों को कभी भूलेगा नहीं और उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।

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