नासा का ‘इनसाइट लैंडर यान’ मंगल ग्रह पर लैंड , देखें पहली तस्वीर

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन –नासा का इनसाइट लैंडर यान मंगल ग्रह पर लैंड हो गया है। यह यान भारतीय समयानुसार 1 बजकर 24 मिनट पर मंगल ग्रह की सतह पर पहुंचा। यह ग्रह की सतह पर उतरने के दौरान 19,800 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से छह मिनट के भीतर शून्य की रफ्तार पर आ गया। इसके बाद यह पैराशूट से बाहर आया और अपने तीन पैरों पर लैंड किया। नासा ने इस यान को मंगल ग्रह के निर्माण की प्रक्रिया को समझने के लिए और इस ग्रह से जुड़े नए तथ्यों का पता लगाने के लिए तैयार किया है। नासा का यह यान सिस्मोमीटर की मदद से मंगल की आंतरिक परिस्थितियों का अध्ययन करेगा। नासा के इस यान में 1 बिलियन डॉलर यानी 70 अरब रुपए का खर्च आया है। सौर ऊर्जा और बैटरी से ऊर्जा पाने वाले लैंडर को 26 महीने तक संचालित होने के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि नासा को उम्मीद है कि यह इससे अधिक समय तक चलेगा।
नासा का मार्स इनसाइट लेंडर मंगल के राज से पर्द हटाने वाला है। नासा का यह यान लाल ग्रह की जानकारियां पृथ्वी पर भेजेगा। जानकारी के अनुसार, यह यान ग्रह की आंतरिक संचरना का अध्ययन करने के लिए सिस्मोमीटर का उपयोग करने वाला है जिससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि मंगल का निर्माण कैसे हुआ और यह पृथ्वी से इतना अलग क्यों है। नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने बताया कि नासा दो दिनों के अंदर नासा इनसाइट के साथ मंगल पर उतर रही है। नासा के कर्मियों को धन्यवाद। इस पूरा करते हैं और नया चरण शुरू करते हैं। इनसाइट मंगल ग्रह के बाहरी वातावरण में 19,800 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से प्रवेश करेगा और मंगल की धरती पर उतरने से पहले आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार तक कम होगा। यह चरण सिर्फ सात मिनट के अंदर पूरा होना है।
नासा के पासाडेना स्थित ‘जेट प्रोपल्सन लैबोरेटरी’ में इनसाइट के ‘प्रवेश, मंदी और लेंडिंग’ (ईडीएल) प्रमुख रॉब ग्रोवर ने कहा, यही कारण है कि इंजीनियर मंगल पर यान के उतरने की प्रक्रिया को ‘आतंक के सात मिनट’ बुलाते हैं। ग्रोवर ने कहा, हम विमान के उतरने की प्रक्रिया पर नियंत्रण नहीं कर सकते, इसलिए हम अंतरिक्षयान में पहले से फीड किए गए निर्देशों पर निर्भर हो जाते हैं। अपनी योजनाओं का परीक्षण करने, मंगल पर अन्य यानों की लैंडिंग और मंगल से प्राप्त सभी जानकारियों को समझने में हमने सालों बिता दिए। पांच मई को लांच किया गया मार्स ‘इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सीस्मिक इंवेस्टिगेशंस, जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट’ (इनसाइट) लेंडर 2012 में ‘क्यूरियोसिटी रोवर’ के बाद मंगल पर उतरने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान है। यान के मंगल की धरती पर उतरते ही दो वर्षीय मिशन शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही इनसाइट पहला अंतरिक्ष यान हो जाएगा जो मंगल की गहरी आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगा। इससे वैज्ञानिकों को हमारी अपनी पृथ्वी सहित पत्थर से बने सभी ग्रहों के निर्माण को समझने में मदद मिलेगी।