सूरज के रहस्यों का पता लगाने नासा का ‘पार्कर सोलर प्रोब’ अंतरिक्ष यान हुआ रवाना

वाशिंगटन। समाचार ऑनलाइन
सूरज के रहस्यों का पता लगाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का ‘पार्कर सोलर प्रोब’ अंतरिक्ष यान रवाना हो गया है। नासा ने पहली बार सूरज के नजदीक जाकर उसका अध्ययन करने के लिए अपना एक अंतरिक्ष यान भेजा है। यह अंतरिक्ष यान आज सुबह तड़के 3.33 बजे ( अमेरिकी समयानुसार) फ्लोरिडा स्थित केप केनावेरल वायु सेना के अड्डे से लॉन्च किया गया। नासा के इस अभियान का नाम ‘टच द सन मिशन’ है। आपको बता दें कि यह ऐतिहासिक साबित हो सकता है क्योंकि यह दुनिया की किसी अंतरिक्ष एजेंसी का पहला ऐसा अनोखा अभियान है जो सूर्य के सबसे करीब पहुंचेगा।
[amazon_link asins=’B075FY4RWK’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’dc819dc6-9d4b-11e8-b733-9d7c9bdda3c5′]
नासा की ओर से सूर्य पर भेजे जा रहे इस यान के नाम ‘पार्कर सोलर प्रोब’ का नामकरण अमेरिकी सौर वैज्ञानिक यूजीन न्‍यूमैन पार्कर के नाम पर रखा गया है। पार्कर ने पहली बार 1958 में सौर वात यानी सूर्य पर हवा के अस्तित्व की संभावना जताई थी। सौर वात आवेशित कणों और चुंबकीय क्षेत्रों की धारा है जो सूर्य से लगातार प्रवाहित होती रहती है।
इस यान को केवल साढ़े चार इंच मोटी ऊष्मा रोधी शील्ड से सुरक्षित किया गया है जो इसे सूर्य के तापमान से बचाएगी। इस यान का मुख्य लक्ष्य सूर्य की सतह के आसपास के असामान्य वातावरण के गूढ़ रहस्यों का पता लगाना है।
सूर्य की सतह के ऊपर का क्षेत्र (कोरोना) का तापमान सूर्य की सतह के तापमान से करीब 300 गुना ज्यादा है। मिशीगन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और परियोजना वैज्ञानिकों में शामिल जस्टिन कास्पर ने कहा, पारकर सोलर प्रोब हमें इस बारे में पूर्वानुमान लगाने में बेहतर मदद करेगा कि सौर हवाओं में विचलन कब पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है।
नासा के इस अभियान का खर्च 1.5 अरब डॉलर है। यह अब तक नासा का सूर्य के लिए सबसे बड़ा मिशन है। पार्कर सोलर प्रोब सूर्य की सतह से 61 लाख किमी दूर उसके वातावरण में ही चक्‍कर लगाएगा। यह दूरी अब तक सूर्य पर भेजे गए सभी शोध यानों से सात गुना कम होगी।