राष्ट्रवादी ने शिवसेना के हाथों कराया भाजपा के आश्वासनों के रावण का दहन!

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन – बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयादशमी पर राष्ट्रवादी कांग्रेस ने भाजपा के आश्वासनों का रावण का शिवसेना के हाथों दहन किया गया। पिंपरी चिंचवड शहर के चिखली इलाक़े के साने चौक में रावण दहन का यह अनूठा कार्यक्रम पूरे शहर और सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा। वहीं शहर के सियासी गलियारे में विपक्षी नेता दत्ता साने के राष्ट्रवादी और शिवसेना रूपी दोनों नावों में सवार होने की चर्चा ने भी फिर जोर पकड़ लिया है। ज्ञात हो कि साने आनेवाले विधानसभा चुनाव में भोसरी निर्वाचन क्षेत्र से तीव्र इच्छुक हैं। अगर राष्ट्रवादी से टिकट मिलने में कोई दिक्कत होती है तो उनके लिए शिवसेना का द्वार खुला रहने का संकेत भी उन्होंने इस कार्यक्रम के जरिये देने की कोशिश की है।

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पूरे पिंपरी चिंचवड शहर में कल विजयादशमी के पर्व पर रावण दहन के कार्यक्रम के जरिए विपक्ष के नेता दत्ता साने द्वारा किये गए शक्ति प्रदर्शन की चर्चा रही। उनके कार्यक्रम का रावण भी चर्चा में रहा। असल में उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए भाजपा के आश्वासनों का रावण बनवाया था। इसमें उन आश्वासनों के पोस्टर लगे थे जो भाजपा ने लोकसभा, विधानसभा और पिंपरी चिंचवड मनपा चुनावों के दौरान दिए थे। 40 फीट के रावण के दस शीशों पर आश्वासनों के गाजर के पोस्टर लगे थे। साथ ही अवैध निर्माणों के नियमितीकरण, शास्तिकर माफी, गड्ढामुक्त सड़कें, इंधन दरवृद्धि समेत आश्वासन और मनपा, राज्य व केंद्र सरकार से जुड़े लंबित मसलों के बोर्ड लगे थे।

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जितनी उत्सुकता और चर्चा रावण दहन के कार्यक्रम को लेकर थी उससे कहीं ज्यादा चर्चा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि की भी रही। यह रावण दहन ‘धर्मरक्षक संभाजी’ मराठी सीरियल के मुख्य कलाकार डॉ अमोल कोल्हे के हाथों किया गया। जोकि विपक्षी नेता दत्ता साने के मित्र और शिवसेना के उपनेता भी हैं। इस मौके पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के भूतपूर्व विधायक विलास लांडे, जिन्हें दो बार विधायक के तौर पर जीताने और गत चुनाव में हराने में साने ने अहम भूमिका निभाई थी, भी मौजूद थे। इस बार अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो लांडे शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र लोकसभा और साने भोसरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। अगर कुछ विपरीत होता है और साने को राष्ट्रवादी से ऐन मौके पर कुछ अलग आदेश मिलता है तो वे शिवसेना का दामन थामकर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इस कार्यक्रम के जरिए उन्होंने कुछ इसी प्रकार का संदेश देने की कोशिश की है।