पानी कटौती रद्द करने को लेकर राष्ट्रवादी का आक्रामक रुख

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – पिंपरी चिंचवड शहर और मावलवासियों की प्यास बुझाने वाले पवना बांध में गत वर्ष की तुलना से 11.50 फीसदी ज्यादा पानी संचित है। अक्टूबर अंत में भी बांध का जलसंचय शतप्रतिशत है, जोकि अगले साल जुलाई तक की जलापूर्ति के लिए पर्याप्त साबित होगा। इसके बावजूद सप्ताह में एक दिन की कटौती से निजात नहीं मिल पा रही है। इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए विपक्षी दल के नेता नाना काटे ने शहर में निर्माण पानी की कृत्रिम किल्लत को दूर करने और कटौती रद्द करने की मांग को लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
विपक्षी नेता नाना काटे ने महापौर राहुल जाधव को एक ज्ञापन सौंपकर यह मांग की है कि किल्लत का बहाना देकर को जा रही साप्ताहिक कटौती को रद्द कर दिया जाय और नियमित जलापूर्ति की जाय। एक दिन की कटौती के बाद दूसरे दिन की जलापूर्ति भी प्रभावित होती है जिसके चलते दापोड़ी, वाकड़, पिंपले निलख जैसे इलाकों के लोगों को बेवजह टैंकर पर खर्च करना पड़ रहा है। ऐन त्योहार पर भी शहर में कटौती जारी रही, इससे बड़ा दुर्भाग्य और कोई नहीं है। इसे सत्तादल भाजपा और मनपा प्रशासन की नाकामी बताते हुए काटे ने नियमित जलापूर्ति के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से उग्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है।
गौरतलब हो कि, मावल तालुका स्थित पवना बांध से पिंपरी चिंचवड शहर और मावल परिसर में जलापूर्ति की जाती है। आज की तारीख में भी बांध का जलसंचय शतप्रतिशत है। जबकि गत वर्ष अक्टूबर अंत तक पवना बांध में 88.50 फीसदी जलसंचय था। यानी गत साल की तुलना में इस साल बांध में 11.50 फीसदी अधिक जलसंचय है, जो जुलाई 2020 तक की जलापूर्ति के लिए पर्याप्त है। इस साल बांध क्षेत्र में कुल 4020 मिमी बारिश दर्ज हुई है जो गत साल 3367 मिमी थी। गत साल की तुलना में इस साल 700 मिमी ज्यादा बारिश हुई है। गत साल वापसी की बारिश पर्याप्त न होने से पिंपरी चिंचवड़ में दिवाली से ही पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा था। आरंभ में सप्ताह में एक दिन की कटौती लागू की गई। इसके बाद में एक दिन छोड़ जलापूर्ति की जाने लगी। 9 अगस्त से यह कटौती रद्द की गई और नियमित जलापूर्ति शुरू की गई। मगर पानी की किल्लत से जुड़ी शिकायतें बढ़ने लगी जिसके चलते 18 अगस्त से पुनः सप्ताह में एक दिन की कटौती लागू की गई जो आज तक कायम है।