मराठा आंदोलन पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार का बड़ा बयान 

पुणे | समाचार ऑनलाइन
मूक मोर्चा की दखल नहीं ली गई इसलिए भड़का आक्रोश 
पूरा महाराष्ट्र मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदलोन की आग में जल रहा है| बुधवार को मुंबई बंद के दौरान जगह जगह पथराव, आगजनी, रास्ता रोको आंदोलन हो रहे हैं| इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने मराठा आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है| उन्होंने कहा कि, इससे पहले मराठा आरक्षण के लिए राज्यभर निकले मोर्चे भी मराठा समुदाय का एक आक्रोश ही था| मगर वह मूक यानि शांति के साथ था, इसलिए सरकार को उनकी दखल लेने कि जरूरत महसूस नहीं हुई| नतीजन समाज का आक्रोश भड़क उठा, उसी में मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के भड़काऊ बयानों ने आग में घी का काम किया है| मराठा आरक्षण की जो आग पुरे महाराष्ट्र में भड़की हुई है, उसके लिए महाराष्ट्र सरकार ही जिम्मेदार है|
मराठा आरक्षण को लेकर शुरू आंदोलन की पृष्ठभूमि पर अपनी राय देने के लिए शरद पवार ने एक पत्र ट्वीटर पर अपलोड किया है| इसमें उन्होंने उपरोक्त बयान देकर कहा कि, राज्यभर फैली मराठा आरक्षण की आग को बुझाने के लिए सरकार क्या हल निकलती है? इस ओर सभी की निगाहें गड़ी हुई हैं| मगर सरकार बजाय इस मसले को हल करने के उसे भड़काने की कोशिश ज्यादा कर रही है. मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के भड़काऊ बयानों से यही प्रतीत हो रहा है| राज्य में किसानों की ख़ुदकुशी के जितने मामले सामने आये उनमें सबसे ज्यादा मामले मराठा समाज के भाइयों के हैं| कृषि उपज को उचित मूल्य देने की मांग की निरंतर उपेक्षा और कर्ज के बढ़ते भार से मराठा समाज अब त्रस्त हो चूका है|यही वजह है की मराठा आंदोलन की आग भड़क गई है| एक ओर मराठा समाज का आक्रोश बढ़ रहा है दूसरी ओर राज्य सरकार के तेवर बदल गए हैं|
मुख्यमंत्री और उनके मंत्री बजाय इस मसले को हल करने के हमने सब कुछ कर दिया है, इस आशय की बयानबाजी कर रहे हैं| अपने पत्र में शरद पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा है कि जब जरुरत आक्रोश को शांत करने की थी तब मुख्यमंत्री पंढरपुर के वारकरियों को नुकसान पहुंचे इस तरह के सांप छोड़ने वाले बयान दे रहे थे| पवार ने सरकार को सलाह दी है कि लगातार बिगड़ते जा रहे हालात पर नियंत्रण पाने के लिए आंदोलन में शामिल महत्वपूर्ण घटकों से बातचीत कर उनके साथ तत्काल संवाद साधने की जरुरत है| चर्चा से ही इस मसले का हल निकला जा सकता है, इसके लिए सरकार को पहल करनी चाहिए| सरकार के साथ आंदोलनकारियों को भी पवार ने सलाह देते हुए लिखा है कि, अब तक इस आंदोलन को आमजनो से सहानुभूति मिलती रही है, उसे बनाये रखें| सार्वजानिक संपत्ति का नुकसान कर आमजनों को तकलीफ न पहुंचे, इसका ध्यान रखने की अपील भी उन्होंने की है|