शरद पवार के पोते पार्थ मावल लोकसभा से राष्ट्रवादी के प्रत्याशी !

पिंपरी। समाचार ऑनलाइन

आनेवाले चुनावों की तैयारियों की ब्यौरा बैठक के बाद पुणे और रायगढ़ जिलों के विधानसभा क्षेत्रों के समावेशवाले मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर शरद पवार के पोते पार्थ पवार का नाम आगे आया है। पार्थ पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र हैं, जिन्हें आगामी चुनावों में लांच करने की तैयारी शुरू है। उनके नाम पर दो दिन बाद मान्यता की मुहर लग सकती है। क्योंकि 6 और 7 अक्टूबर को मुंबई में राष्ट्रवादी के हाईकमान शरद पवार ने महाराष्ट्र के सभी लोकसभा चुनाव क्षेत्रों के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है।

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कांग्रेस के सोशल मीडिया हेड ने दिया इस्तीफा

दो दिन पहले ही पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे जिला और शहर व पिंपरी चिंचवड़ शहर में राष्ट्रवादी कांग्रेस के आला नेताओं और पदाधिकारियों की ब्यौरा बैठक बुलाई थी। इसके दूसरे ही दिन मावल लोकसभा, जहाँ से राष्ट्रवादी कांग्रेस को लगातार दो बार करारी शिकस्त मिली, चुनाव क्षेत्र से अजित पवार के पुत्र पार्थ को सियासत में लांच करने की तैयारियों की चर्चा शुरू हुई। खुद पवार ने भी यह कहकर संकेत दिए कि, नई पीढ़ी अपने फैसले खुद करने में यकीन रखती है। हालांकि इससे पहले उन्होंने अपने पुत्र सियासत से दूर रहेंगे, ऐसा स्पष्ट किया था। मगर अब उन्होंने कहा कि, नई पीढ़ी अपने फैसले लेने के लिए आजाद और सक्षम है। मैं अपने फैसले उनपर नहीं लादना चाहता। हालांकि स्थानीय कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद ही इस बारे में अंतिम फैसला किया जाएगा।
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चुनावी तैयारियों की ब्यौरा बैठक को दो ही दिन बीते हैं कि अब राष्ट्रवादी कांग्रेस के हाईकमान शरद पवार ने 6 और 7 अक्टूबर को मुंबई में लोकसभा चुनाव क्षेत्रों के प्रमुख पदाधिकारियों व आला नेताओं की बैठक बुलाई है। पार्थ पवार की लॉन्चिंग या उम्मीदवारी के बारे में इस बैठक में चर्चा व फैसला संभव है। जिस तरीके से मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र से पार्थ पवार का नाम अचानक से आगे आया है, वैसा ही शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र के मामले में भी हो सकता है। क्योंकि मावल के बाद तुरंत शिरूर लोकसभा चुनाव क्षेत्र की बैठक होनी है। उल्लेखनीय है कि पुणे जिले में राष्ट्रवादी का वर्चस्व रहने के बावजूद ये दोनों निर्वाचन क्षेत्र राष्ट्रवादी के कब्जे से दूर हैं। इसके अलावा कांग्रेस और दूसरे सहयोगी दलों के साथ गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर भी इस बैठक में चर्चा संभव है।