एनसीपी ने कांग्रेस को पुणे में कमजोर किया

जे।एम। रोड पर पत्रकार-वार्ता में महायुति के जिले में चारों सीटें जीतने का विश्वास व्यक्त किया

पुणे : समाचार ऑनलाईन  – पुणे और अहमदनगर की सीटों के बंटवारे को लेकर एनसीपी ने कांग्रेस को कात्रज का घाटफ दिखा दिया। उसकी राजनैतिक चालों से पुणे में कांग्रेस की स्थिति टांगा पल्टी, घोड़े फरारफ की हो गई है।फ यह तीव्र व्यंग्य शिवसेना की उपनेता एवं भाजपा-शिवसेना पश्चिम महाराष्ट्र की समन्वयक डॉ। नीलम गोर्हे ने किया है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र व राज्य सरकारों ने पुणे के विकास हेतु नीतिगत फैसले लिए हैं। इसलिए देश में फिर एक बार मोदी के नेतृत्व में सरकार स्थापित होगी। पुणे जिले की चारों सीटों पर महायुति के ही उम्मीदवार विजयी होंगे। महायुति के पुणे में उम्मीदवार गिरीश बापट के प्रचार हेतु महायुति के जंगली महाराज रोड पर कार्यालय में सोमवार को आयोजित पत्रकार-वार्ता में वे बोल रही थीं। इस अवसर पर भाजपा के चुनाव प्रचार प्रमुख विधायक विजय काले, नगरसेवक बाला ओसवाल, आरपीआई के समन्वयक मंदार जोशी, शिवसेना के समन्वयक राजेंद्र शिंदे उपस्थित थे। डॉ। गोर्हे ने आगे कहा कि पुणे की सीट को लेकर विपक्ष बहुत बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था, लेकिन गठबंधन में एनसीपी ने अहमदनगर की सीट को लेकर विवाद पैदा कर दिया और कांग्रेस को कात्रज का घाट दिखाया। इसे कांग्रेस पूरी तरह कमजोर हो गई है।

पीएम मोदी और सीएम फडणवीस के नेतृत्वमें महायुति की सरकार ने पुणे के पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सुरक्षा संबंधी कई अच्छे प्रोजेक्ट्स शुरू किए। जर्मन बेकरी, बम ब्लास्ट के बाद पुणे में सीसीटीवी सिस्टम शुरू किया गया। इस सिस्टम को उत्कृष्ट ढंग से कार्यान्वित करने युति सरकार ने हरसंभव प्रयास किए। पिंपरी-चिंचवड़ में नया पुलिस आयुक्तालय शुरू किया। पुलिस स्टेशनों की संख्या बढ़ाने का भी महत्वपूर्ण निर्णय युति सरकार ने लिया। यह जानकारी डॉ। गोर्हे ने दी।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी का पुणे पर विशेष ध्यान है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को बिना विलंब मंजूरियां दीं। इससे पुणे शहर और जिले में मतदाताओं की पसंद महायुति हैं। इसलिए गिरीश बापट सहित श्रीरंग बारणे, शिवाजीराव आढलराव पाटिल और कांचन कुल भारी अंतर से विजयी होंगे। इसका मुझे पूरा विश्वास है। इसके लिए भाजपा-शिवसेना, आरपीआई सहित सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता एकजुटता से काम कर रहे हैं। यह दावा भी डॉ। गोर्हे ने किया।