नए आयुक्तालय की दिक्कतें कम होने के आसार

जरूरी मनुष्यबल व वाहनों के लिए बनेगा नया प्रस्ताव

मुंबई की बैठक का फैसला

पिंपरी। समाचार ऑनलाईन-तेजी से बढ़ते शहरीकरण और बढ़ते अपराध के मद्देनजर 15 अगस्त से अस्तित्व में आये पिंपरी चिंचवड के नए पुलिस आयुक्तालय का कामकाज भले ही शुरू हो चुका है। मगर मनुष्यबल, वाहन व अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते आयुक्तालय की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। इन्हीं दिक़्क़तों को दूर करने के लिहाज से राज्य सरकार द्वारा गठित समिति की मंगलवार को पहली बैठक संपन्न हुई। इसमें मनुष्यबल और वाहनों की जरूरत के बारे में अलग और नए से प्रस्ताव तैयार करने का फैसला किया गया।

पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तालय की समस्याओं को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने एक समिति का गठन किया है। मुंबई स्थित पुलिस महानिदेशक कार्यालय में राज्य के कानून व्यवस्था विभाग के प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक परमबीर सिंग की अध्यक्षता में आज पहली बैठक संपन्न हुई। इसमें नियोजन व समन्वय विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक धनंजय कमलाकर, आस्थापना विभाग के अतिरिक्त आयुक्त कुलवंतकुमार सरंगल, पुणे शहर पुलिस सहआयुक्त शिवाजी बोडखे, पिंपरी चिंचवड पुलिस अतिरिक्त आयुक्त मकरंद रानडे, पुणे जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक संदीप पाटील आदि उपस्थित थे।

पुणे शहर व ग्रामीण पुलिस की सीमा का विभाजन करते वक्त वहां रहे मनुष्यबल व वाहनों का विभाजन सही तरीके से नहीं किया जा सका। जिसके लिए प्रस्ताव की खामियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसमें प्रमुख रूप से पुलिस थाने की स्थापना के दौरान की आबादी के प्रमाण में मंजूर किये मनुष्यबल को आधार मानकर किए गए विभाजन का समावेश है। इसके अलावा वाहनों की आपूर्ति करते वक्त पुणे शहर व ग्रामीण पुलिस से ‘धक्कास्टार्ट’ वाहन उपलब्ध कराए गए। अतिरिक्त आयुक्त व उपायुक्त समेत कई आला अधिकारियों को दिए गए वाहन भी इसी प्रकार के हैं। कई अधिकारी तो निजी वाहनों के इस्तेमाल करने हेतु विवश हैं।

इन खामियों को दूर करने को लेकर पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्त आरके पद्मनाभन ने मुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की। अतिरिक्त आयुक्त मकरंद रानडे ने तो जिले के पालकमंत्री गिरीश बापट के समक्ष एक समारोह में ही शिकायतों की बौछार कर दी थी। इन तमाम दिक़्क़तों को दूर करने के लिए सरकार ने समिति गठित की है। आज की बैठक में नए आयुक्तालय के लिए जरूरी मनुष्यबल व वाहनों के बारे में तैयार किये गए प्रस्ताव की त्रुटियों के बारे में प्रमुखता से चर्चा की गई। पुणे शहर व ग्रामीण पुलिस के जिन थानों को पिंपरी चिंचवड आयुक्तालय में समाविष्ट किया गया वहां जरूरी मनुष्यबल और वाहनों की जरूरत के बारे में अलग प्रस्ताव तैयार करने की बात बैठक में तय की गई। अलग से भर्ती प्रक्रिया चलाने की बजाय अन्य शहर व जिलों से पिंपरी चिंचवड आने के लिए इच्छुक रहे कर्मचारियों को समाविष्ट करने की तैयारी भी बैठक में दर्शाई गई।