कैंटोन्मेंट क्षेत्र में आज से नई एंट्री फी लागू

पुणे : समाचार ऑनलाइन – खड़की कैन्टोन्मेंट बोर्ड क्षेत्र से जाने वाली गाड़ियों के लिए एंट्री-फी में वृद्धि की गई है. अब बसों, टेम्पो, रिक्शा व गुड्स कैरियर गाड़ियों तथा ट्रैक्टर के लिए एंट्री फी में 20 से 50 रुपए तक वृद्धि की गई है. एंट्री-फी की नई दर 9 नवंबर से लागू की जाएगी. इससे गाड़ीधारकों को ज्यादा पैसे देने होंगे.

विशेष सभा में यह निर्णय लिया गया
ब्रिगेडियर एम.जे. कुमार की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की विशेष सभा में यह निर्णय लिया गया. बैठक में बोर्ड के उपाध्यक्ष दुर्योधन भापकर, सीईओ प्रमोद कुमार सिंह, समिति अध्यक्ष सुरेश कांबले तथा मनीष आनंद, पूना आनंद, कार्तिकी हिवरकर, वैशाली पहलवान आदि सदस्य एवं कर्नल सुशील कपूर, कर्नल आर.ए. सिद्ध आदि मनोनीत सदस्य उपस्थित थे.

पांच सालों से एंट्री फी बढ़ रही
ऑक्टॉय बंद हो जाने से हुए घाटे को भरने के लिए खड़की कैन्टोन्मेंट बोर्ड द्वारा पिछले पांच सालों से एंट्री फी में लगातार वृद्धि का सिलसिला जारी है. सन 2018-19 के लिए निर्धारित एंट्री-फी के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि समाप्त हो चुकी है. इसके लिए 30 अक्टूबर को टेंडर जारी किया गया था. मेसर्स घई कंस्ट्रक्शन, स्वामी समर्थ एंटरप्राइजेस एवं सोलापुर कंस्ट्रक्शन आदि कंपनियों ने निविदाएं पेश कीं. खड़की कैन्टोन्मेंट बोर्ड की 5 नवंबर को आयोजित विशेष सभा में ङ्गसोलापुर कंस्ट्रक्शनफ कंपनी द्वारा भरा गया सर्वाधिक 16 करोड़ 2 लाख 325 रुपए की दर का टेंडर पेश किया गया. टेंडर को मंजूरी दी गई. बता दें कि पिछले साल भी इसी कंपनी ने 10.58 करोड़ की सर्वाधिक दर वाला टेंडर पेश कर कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त किया था. इस साल इस कंपनी ने 16.02 करोड़ का टेंडर भरकर ठेका प्राप्त किया है. इस कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार एंट्री-फी में वृद्धि के प्रस्ताव को भी सभा में मंजूरी दी गई. नई दरों के अनुसार गाड़ियों के लिए अब 20 से 50 रुपए ज्यादा देने होंगे. नई दरें शनिवार से लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है.

खड़की कैन्टोन्मेंट बोर्ड के सीईओ प्रमोदकुमार सिंह ने कहा- ऑक्ट्रॉय बंद हो जाने तथा उससे होने वाले नुकसान के मुआवजे का फंड राज्य सरकार द्वारा न दिए जाने के साथ सातवें वेतन आयोग का बोझ भी कैन्टोन्मेंट बोर्ड उठा रहा है. इससे आर्थिक स्थिति डगमगा रही है. नई दरों के चलते बोर्ड को प्रतिवर्ष करीब साढ़े पांच करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा. इन्कम के नए स्त्रोत से बोर्ड की आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी.