जी को ऋण देने के मामले में नए तथ्य उभरकर सामने आए (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – जी प्रबंधन के साथ आयोजित ऋणदाताओं की हालिया बैठक में नए तथ्य उभरकर सामने आए हैं। बैठक में सामने आया है कि प्रमोटरों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप द्वारा अपने सूचीबद्ध जी एंटरटेनमेंट शेयरों की सुरक्षा के खिलाफ लिया गया ऋण, समूह की देनदारी में जुड़ गया है। प्रमोटरों ने अपने शेयर की सुरक्षा की एवज में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया है। इस ऋण का ब्रेक-अप इस प्रकार है : म्यूचुअल फंड्स 7000 करोड़ रुपये, एनएफबीसी/बैंक 4000 करोड़ रुपये, ऑफशोर ऋणदाता 2000 करोड़ रुपये।

स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, प्रमोटरों के समूह में शामिल मॉरीशस की तीन संस्थाओं की जी एंटरटेनमेंट में 12.5 फीसदी की हिस्सेदारी है। फाइलिंग के मुताबिक, मॉरीशस की इन संस्थाओं द्वारा रखे गए शेयर भार रहित हैं लेकिन प्रमोटरों ने भारतीय ऋणदाताओं को बताया है कि ये संस्थाएं भारतीय ऋणदाताओं को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए उपलब्ध नहीं हैं। वर्तमान में भारतीय ऋणदाताओं के लिए जी एंटरटेनमेंट का सुरक्षा मूल्य 9000 करोड़ रुपये है जबकि इसपर 11 हजार करोड़ रुपये का ऋण है, जो कि वास्तव में एक बहुत बड़ा घाटा है।

मॉरीशस संस्थाओं के शेयर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अतीत में प्रमोटरों द्वारा लिए गए दो हजार करोड़ रुपये के ऑफशोर ऋण के लिए सुरक्षा मुहैया कराते हैं। स्टॉक एक्सचेंज ने मॉरीशस की संस्थाओं के शेयरों पर किसी प्रकार के प्रतिबंध का खुलासा नहीं किया है लेकिन किसी न किसी तरीके से स्पष्ट रूप से इन्हें प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि यह अकल्पनीय है कि भारतीय ऋणदाता सुरक्षा कवर में भारी कमी का सामना कर रहे हैं और वह कवर के लिए इन अतिरिक्त शेयरों की मांग भी नहीं कर सकते। प्रमोटरों के शेयर के खिलाफ ऋणों पर वार्षिक ब्याज की देनदारी 1,100 करोड़ रुपये से अधिक है, जिसके भुगतान के लिए जी एंटरटेनमेंट के नकदी प्रवाह के अलावा कोई स्पष्ट स्रोत नहीं है।