इन वजहों से राष्ट्रवादी के दिग्गज अजीत पवार को मनाने में जुटे

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – राज्य में फिलहाल काफी तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट अपना निर्णय कल सुनाएगी. आज दोनों ही पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कल सुबह 10.30 में निर्णय सुनाएगी. राष्ट्रवादी के पास फिलहाल 53 विधायक है. शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी को मिलाकर कुल 161 विधायकों का बहुमत है. विरोधियों की तरफ से फडणवीस सरकार को तोड़ने का प्रयास किया जाएगा. लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी अजीत पवार को फिर से पार्टी में शामिल करने का बार-बार प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. छगन भुजबल ने अजीत पवार के साथ काफी देर तक चर्चा की. पार्टी के अन्य नेताओं ने भी अजीत पवार से फिर से पार्टी में लाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन राष्ट्रवादी के पास तमाम संख्याबल होने के बावजूद राष्ट्रवादी की तरफ से अजीत पवार को बार-बार पार्टी में लाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है? यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायकों के टूटने की संभावना जताई जा रही

शरद पवार के खिलाफ अजीत पवार के इस तरह के संघर्ष से राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायकों के टूटने की संभावना जताई जा रही है. सत्ता संघर्ष के मद्देनजर विश्वास मत के दौरान जो विधायक राष्ट्रवादी पार्टी के साथ है वे किसके पक्ष में मतदान करेंगे इसका अंदाजा लगाना फिलहाल मुश्किल है. ऐसे में अजीत पवार की वजह से पार्टी के कई नेता भाजपा को मतदान कर सकते है. इस तरह की आशंका जाहिर की जा रही है.

शिवसेना के 15 विधायक फडणवीस को समर्थन देने को तैयार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवसेना के 15 विधायक फडणवीस सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार है. लेकिन सभी विधायकों को उद्धव ठाकरे ने सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है. बहुमत परीक्षण के दौरान विधायकों के फूटने की आशंका जताई जा रही है. इसलिए किसी भी तरह का रिस्क न हो इसलिए अजीत पवार इस्तीफा देकर फिर से पार्टी में शामिल हो जाए. इस वजह से उन्हें मनाने का प्रयास किया जा रहा है.

बहुमत के लिए 145 का आंकड़ा जरूरी
भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 145 का आंकड़ा होना आवश्यक है. नहीं तो उसकी सरकार गिर जाएगी. वही दूसरी तरफ अजीत पवार ने दावा किया है कि मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस में हूं और राष्ट्रवादी पार्टी के सभी विधायकों का मुझे समर्थन प्राप्त है. इससे पार्टी खुद को काफी असहज महसूस कर रही है. शरद पवार ने इन बातों का अगर विरोध किया तो कुछ विधायकों के अजीत पवार के साथ चल जाने की आशंका है. इसलिए अजीत पवार को वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है.