निर्भया का दोस्त भले ही है आज गुमनाम लेकिन गुनहगार उसके चलते ही पहुँचा फांसी के फंदे के करीब

समाचार ऑनलाइन  –  गोरखपुर के अधिवक्ता का पुत्र व निर्भया के दोस्त अवनींद्र आज गुमनाम है, लेकिन उसके ही कारण इस प्रकरण के आरोपियों के इस अंजाम तक पहुंचाने में सफलता मिली है। घटना के इकलौते चश्मदीद गवाह दोस्त ने ना सिर्फ दोस्ती निभाई बल्कि, आरोपियों को फांसी तक पहुंचाने में भी उसकी गवाही अहम कड़ी साबित हुई थी।

फिलहाल, अब वह दो साल के बेटे और पत्नी के साथ एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर विदेश में कार्यरत है। हालांकि उसे अभी भी इस बात का मलाल है कि आरोपियों को फांसी की सजा होने के बाद भी कोई न कोई अड़चन आ रही है। बहरहाल, यह घटना तो हुई निर्भया के साथ थी, लेकिन अवनींद्र को अंदर से झकझोर दिया। वह सदमे में चला गया। चश्मदीद गवाह के तौर पर सिर्फ वही मौजूद था जिसकी गवाही से दोषियों को सजा होती।

उस 16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया अपने दोस्त अधिवक्ता भानू प्रकाश पांडेय के पुत्र अवनींद्र के साथ बस से जा रही थी। इस दौरान दरिंदों ने ना सिर्फ उसे अपनी हवस का शिकार बनाया बल्कि दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी। गौरतलब है कि निर्भया के चारों गुनहगारों अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता की फांसी तीसरी बार टल गई ह।

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को एक दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष लंबित होने के चलते अगले आदेश तक तीन मार्च को सुबह छह बजे दी जाने वाली फांसी पर रोक लगा दी। इससे सुबह में सुप्रीम कोर्ट ने पवन की सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी थी।