ना भाषण-ना ट्वीट, आखिर क्यों चुप हैं प्रियंका गांधी

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – लोकसभा चुनाव नजदीक है। सभी पार्टियों के नेता लोकसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त है। हालही में आधिकारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल हुए प्रियंका गांधी पर सबकी नज़र बनी हुई है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनावी के बिगुल पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात से फूंक दिया है। अहमदाबाद में आज कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक है। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी समेत पार्टी के दिग्गज नेता शामिल होंगे।

इस बैठक में सबकी निगाहें नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी पर लगी हैं। पहले कहा जा रहा था कि प्रियंका गांधी भी इस रैली को संबोधित कर सकती हैं, लेकिन अब जानकारी मिल रही है कि उनका भाषण नहीं होगा। प्रियंका गांधी को महासचिव बनाने का एलान 23 जनवरी 2019 को हुआ और उन्हें पूर्वी यूपी का प्रभार दिया गया। सक्रिय राजनीति में एंट्री के बाद प्रियंका गांधी ने भाई राहुल के साथ 11 फरवरी को लखनऊ में बड़ा रोड शो किया। कहा जा रहा था कि रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी का भाषण हो सकता है, लेकिन प्रियंका नहीं बोलीं। 11 फरवरी को ही प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर वेरीफाइड अकाउंट के साथ एंट्री मारी। देखते ही देखते प्रियंका गांधी के ट्विटर पर उनके फॉलोअर्स की संख्या बढ़ने लगी। प्रियंका गांधी के इस वक्त 2 लाख 31 हजार है, लेकिन हैरानी की बात है कि प्रियंका गांधी ने अभी तक एक भी ट्वीट नहीं किया है। प्रियंका ट्विटर पर कुल सात लोगों फॉलो कर रही हैं, जिनमें राहुल गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अहमद पटेल, कांग्रेस, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट शामिल हैं।

बता दें कि 14 फरवरी को प्रियंका गांधी को लखनऊ में एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करना था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उत्तर प्रदेश की राजनीति को लेकर बात करनी थी, लेकिन इस दुर्भाग्यवश पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हमला हो गया, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। इस वजह से प्रियंका गांधी ने दो मिनट के मौन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी। इस बार भी लोग प्रियंका गांधी को नहीं सुनपाए। जानकारों की मानें तो प्रियंका गांधी राजनीति में आ तो गईँ हैं लेकिन सही से लॉन्च नहीं हो पाईं हैं। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी अगर एक मंच से बोलते हैं तो पूरी लाइमटाइम प्रियंका गांधी को मिलेगी। दोनों अगर एक ही जगह से या एक ही दिन अलग-अलग जगह से भाषण देते हैं को मीडिया की तरजीह भी राहुल गांधी से हटकर प्रियंका गांधी पर शिफ्ट हो जाएगी। इसलिए कांग्रेस नहीं चाहती है कि भाई-बहन के बीच इस तरह की स्थिति का निर्माण हो।