बेंगलुरु : समाचार ऑनलाइन – फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से सरकार जल्द ही टैक्स वसूली कर सकती है. क्योंकि जिन कंपनियों का राजस्व 20 करोड़ से अधिक है और यूजर्स की संख्या 5 लाख से अधिक है, उन्हें स्थानीय स्तर पर हुए मुनाफे के आधार पर टैक्स भरना पड़ता है. फेसबुक, Google और ट्विटर कम्पनियां भी इस सीमा में आती हैं, इसलिए इनसे भी इनके स्थानीय मुनाफे के आधार पर टैक्स लिया जा सकता है. एक आधिकारिक सूत्र द्वारा यह जानकारी मुहैया कराई गई है.
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल के बजट में ‘सिग्निफिकेंट इकोनोमी प्रेजेंस’ संकल्पना प्रस्तावित की गई थी. सूत्रों ने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्यक्ष कर कानून में इस संकल्पना को शामिल करने की योजना बना रही है, जिससे सबंधित प्रस्ताव जल्द ही केंद्रीय वित्त मंत्रालय को प्रस्तुत किया जाएगा. अगर मंजूरी मिलती है, तो केंद्र सरकार बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से बड़ी मात्रा में टैक्स वसूल सकती है.
अंतर्राष्ट्रीय कंपनिययां भारत से मिलने वाले ऑनलाइन विज्ञापनों से बड़ी मात्रा में कमाई करती है, फिर भी इनके द्वारा अपेक्षाकृत कम टैक्स का भुगतान किया जाता है. वैश्विक स्तर पर कई देश इन अंतरराष्ट्रीय कंपनियों पर टैक्स लगाने की तैयारी कर रहे हैं. इसमें यूरोपीय देशों की संख्या सबसे अधिक है. बताया जा रहा है कि टैक्स स्थानीय रूप से प्राप्त आय और लाभ दोनों पर लगाया जाएगा. सरकार द्वारा इसको लेकर रुपरेखा तैयार की जा रही है.