अब हज यात्री पुणे से उड़न भर सकते हैं, अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने बताया 

पुणे, 10 फरवरी : राज्य के मुंबई, नागपुर और औरंगाबाद से हज यात्रा करने के लिए उड़ान भरी जा सकती है. पश्चिम महाराष्ट्र के हज यात्रियों को मुंबई से जाना होगा। इससे उन्हें कई तरह की समस्याओ का सामना करना पड़ता है. पुणे से यात्री हज यात्रा को जाये इसके लिए राज्य सरकार ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है. इसे जल्द मंजूरी मिल जाएगी। पश्चिम महाराष्ट्र के हज यात्री पुणे से उड़न भरेंगे ऐसा विश्वास अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने व्यक्त किया है. मंत्री चुने जाने के बाद खुद्दाम-ए-हुज्जाज (हज ) कमिटी दवारा नवाब मलिक  को सम्मानित किया गया. इसी मौके पर वह बोल रहे थे.

कार्यकर्म के अध्यक्ष डॉ. एन वाय काजी थे जबकि चीफ गेस्ट के रूप में पिंपरी-चिंचवड़ के पूर्व महापौर आजम पानसरे, राज्य हज कमिटी के समन्वयक शेख इब्राहिम भाईजान, खुद्दाम-ए-हुज्जाज कमिटी के पुणे शहर अध्यक्ष रियाज इस्माइल काजी, राज्य कमिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इम्तियाज काजी, डॉ. पी ए इनामदार, भाईजान काजी, नगरसेवक फारूक इनामदार, हसीना इनामदार, पूर्व नगरसेवक रईस सुंडके, अनीस सुंडके, ऑल कोंढवा सोसियल फाउंडेशन के सस्थापक हाजी फिरोज शेख, जुबेर बिल्डर, मुफ़्ती रईस आदि उपस्थित थे.

मलिक ने कहा कि शहर में हज हाउस की जरुरत है, कोंढवा में इसका निर्माण काम चल रहा है. लेकिन यह अपर्याप्त होने की संभावना है. क्योकि पुणे, पश्चिम महाराष्ट्र से हज के लिए जाने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक है. इसलिए बड़े हज हाउस के निर्माण की जरुरत है. इसके लिए पुणे मनपा ने फंड उपलब्ध कराये, अगर मनपा ने फंड नहीं दिया तो राज्य सरकार के जरिये फंड का प्रावधान किया जाएगा।

राज्य में अस्तित्व वाले हज हाउस का इस्तेमाल हज यात्रियों दवारा केवल 15 दिन किया जाता है. इसके बाद यह बिल्डिंग बिना इस्तेमाल के खाली पड़ी रहती है. इसलिए भविष्य में बिल्डिंग में महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग व केंद्रीय आयोग की तैयारी करने के लिए विधार्थियो को उपलब्ध कराने का विचार चल रहा हैं.

वफ्फ बोर्ड की जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा

उन्होंने बताया कि राज्य की मस्जिद और दर्गा के नाम पर करीब 1 लाख हेक्टेयर ज़मीन है. इनमे से 60% जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. वफ्फ बोर्ड की स्थापना होने के बाद से एक भी अधिकारी को पूर्णकाल  नियुक्त नहीं किया गया. इसकी वजह से इसका कामकाज नीचे चला गया. पूर्णकाल अधिकारी की नियुक्ति कर यहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा