समाचार ऑनलाइन: देश जहां एक ओर आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर ही एकमत नहीं हो पा रहा है, ऐसे में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश में एक पहचान पत्र रखने की बात कही है. हालांकि अभी उन्होंने इस बारे में केवल प्रस्ताव दिया हैं, जिसके अन्तर्गत आधार कार्ड, वोटर आईडी, बैंक खाता, ड्रायविंग लाइसेन्स और पासपोर्ट इन सभी की जानकारियां एक ही कार्ड में लाने संबंधी बात की गई है. शाह का मत है कि यह पहचान पत्र इन सभी सुविधाओं की जरुरतों को अकेला ही पूरा कर सकेगा, ताकि हर व्यक्ति को सभी दस्तावेज लेकर चलने की झंझट से छुटकारा मिल सके. साथ ही उन्होंने 2021 में होने वाली जनगणना के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग करने की बात कही है.
Union Home Minister Amit Shah: A digital application, an app will be used for population census in the year 2021. It will be transformation from paper to digital census. pic.twitter.com/Xn992vekGz
— ANI (@ANI) September 23, 2019
आटोमेटिक उपडेट होगा, पॉपुलेशन डेटा …
गृहमन्त्री अमित शाह ने क़हा कि, “हमें एक ऐसे सिस्टम को जनरेट करने की आवश्कता है, ताकि जिसकी सहायता से आटोमेटिक जानकारी पॉपुलेशन डाटा में अपडेट हो जाए. यानि कि किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी जानकारी पॉपुलेशन डाटा में अपडेट हो जाए.”
एप से होना चाहिए जनसंख्या गणना …
आगामी 2021 में जनगणना होना हैं. इसे लेकर अमित शाह ने कहा कि समय समय पर देश की जनसंख्या की गणना अतिआवश्यक है, क्योंकि बिना जनसंख्या आंकड़ों के सरकार के लिए अपनी योजनाओं का पूर्ण रूप से संचालन करना आसान नही होता है, बल्की इससे सरकार को योजनाओं के क्रियान्वयन मे मदद मिलती है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यह देश के इतिहास में पहली बार होगा, जब जनगणना का काम मोबाइल एप के जरिए होगा.
अभी भी कइयों के पास आधार नहीं, ऐसे में शाह का नया फार्मूला गले उतरने को तैयार नहीं!
इसके पूर्व सन 2009 में पूर्ववर्ती सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत आधार कार्ड को लेकर अधिसूचना जारी कर इसे अस्तित्व में लाया गया था. जिसका मुख़्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को एक बहुउद्देशीय राष्ट्रीय पहचान पत्र उपलब्ध करवाना और साथ ही देश के नागरिकों को प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित की सेवाएं उपलब्ध कराना था. लेकिन इसके बावजूद क़रीब 8-10 वर्षो के बाद भी देश के सभी नागरिकों के आधार कार्ड अभी तक नही बन पाए हैं और इस बीच इन आधार को लेकर कई तरह की विसंगतियां भी देखने को मिली हैं. अब ऐसे में दम तोड़ती आधार योजना के बीच पहचान पत्र का यह नया फार्मूला कहा तक सफल होगा ? इस सवाल का जवाब को भविष्य में ही मिल पाएगा.
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