पुणे। समाचार ऑनलाइन
आये दिन उग्र बनते जा रहे मराठा आरक्षण के आंदोलन की लड़ाई में छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज एवं सातारा से राष्ट्रवादी कांग्रेस के सांसद उदयनराजे भोसले भी आगे आये हैं। शुक्रवार को पुणे में उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए मराठा आरक्षण परिषद के तहत पुरे समाज को एकजुट करने का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस परिषद के बैनर टेल सभी को एकजुट कर सभी के विचार और राय मश्वरे से फैसला किया जायेगा। एक नेता या सांसद के तौर पर नहीं मगर जनता को न्याय दिलाने के लिए मैं कटिबद्ध रहूंगा।
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मराठा आरक्षण को लेकर किसी का कोई विरोध नहीं है, ऐसा बार बार कहा जा रहा है। फिर इतने सालों से यह मसला हल क्यों नहीं हो सका? पुरे राज्य में 58 मोर्चे निकलने के बाद भी आरक्षण का मसला लंबित नहीं रखा जाता तो आज इतनी जाने नहीं गई होती। किसी दूसरे समाज का आरक्षण हटा कर मराठा समाज को आरक्षण देने कि मांग हमारी बिलकुल भी नहीं है। मगर दूसरे समाज की तरह मराठा, धनगर समाज के साथ भी इंसाफ होना चाहिए, यह हमारी भूमिका है। मोर्चा, आंदोलन थमना चाहिए ऐसा लगता है तो रास्ता क्यों नहीं निकालते? आज लोगों के पास विकल्प न रह जाने से ही मोर्चा निकाला जा रहा है। या तो इंसानियत के नाते फैसला करें या नहीं दे सकते ऐसी घोषणा कर दें, यह मांग भी उन्होंने की।
मराठा आरक्षण के मसले को न किसी समाज न किसी राजनीती या किसी मुद्दे न जोड़ने की सलाह देते हुए सांसद उदयनराजे ने आंदोलनकारियों के खिलाफ हत्या का प्रयास, डकैती जैसे मामले दर्ज करने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि इन मामलों को जल्द से जल्द वापस लिया जाय, अन्यथा लोगों का आक्रोश और भड़केगा। हालात अभी भी हाथों से बाहर नहीं हुए हैं। अगर समय रहते यह मसला हल किया जाता तो आज ये नौबत मराठा समाज पर नहीं आती। इतने लोगों कि जानें नहीं जाती। जान जाने के बाद ही नौकरी दी जा रही है। फिर क्या हर परिवार से किसी कि आत्महत्या का इंतजार करना होगा? लोकशाही में लोगों के लिए कानून वगैरह क्यों देख रहे हो? कानून, संविधान बनाया किसने जनप्रतिनिधियों ने ही न?