अब सोनू सूद बीएमसी के निशाने पर… रिहायशी इमारत को होटल में तब्दील करने का आरोप, मामला दर्ज

मुंबई . ऑनलाइन टीम : फिल्म अभिनेता सोनू सूद  इस साल खूब चर्चा में रहे। चर्चा की वजह यह थी कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों की मदद के लिए वह सामने आए। उन प्रवासियों को उन्होंने उनके गृह राज्य भेजने में मदद की। इतना ही नहीं, अगर सोशल मीडिया के जरिए उनसे कोई मदद की गुहार लगाता था तो उसकी भी वह खुलकर मदद करते थे। यही कारण है कि सोनू सूद इस साल पूरे वर्ष चर्चा में रहे और हर तरफ उनकी वाहवाही हो रही है, लेकिन गरीबों के लिए लॉकडाउन में मसीहा बने अभिनेता सोनू सूद अब बीएमसी के निशाने पर हैं। बीएमसी ने एक 6 मंजिला रिहायशी बिल्डिंग को होटल में तब्दील करने के आरोप में उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज  कराई है।

बीएमसी की ओर दी गई कंप्लेंट में कहा गया है कि सोनू सूद ने मुंबई में एबी नायर रोड पर स्थित शक्ति सागर बिल्डिंग को बिना परमिशन के ही होटल में तब्दील कर लिया है। शक्ति सागर एक रिहायशी बिल्डिंग है और उसका कॉमर्शियल उद्देश्य से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यह महाराष्ट्र रीजन एंड टाउन प्लानिंग एक्ट के सेक्शन 7 के तहत दंडनीय अपराध है। इसलिए उनके खिलाफ नियमानुसार एक्शन लिया जाना चाहिए। बीएमसी ने सोनू सूद पर इमारत के हिस्से को बढ़ाने, नक्शे में बदलाव करने और इस्तेमाल में बदलाव का आरोप लगाया है। आरोप में कहा है कि इसके लिए उन्होंने अथॉरिटी से जरूरी तकनीकी मंजूरी भी हासिल नहीं की है।

यही नहीं बीएमसी ने सोनू सूद पर नोटिस को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया है। सिविक अथॉरिटी ने कहा कि नोटिस दिए जाने के बाद भी वह लगातार अनधिकृत निर्माण कराते रहे। सोनू सूद ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्होंने पहले ही बीएमसी से यूजर चेंज के लिए परमिशन ली थी और अब महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहे थे।
इस पर अधिकारियों का कहना है कि बीएमसी की ओर से जारी किए गए नोटिस के खिलाफ सोनू सूद ने मुंबई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन उन्हें वहां से अंतरिम राहत नहीं मिल पाई थी। कोर्ट ने सोनू सूद को हाईकोर्ट में अपील करने के लिए तीन सप्ताह का वक्त दिया था। बीएमसी का कहना है कि कोर्ट की ओर से दिया गया तीन सप्ताह का वक्त बीत चुका है और उन्हें अनधिकृत निर्माण को न तो हटाया और न ही इस्तेमाल में तब्दीली के फैसले से पीछे हटे हैं। ऐसे में हमने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। यह एफआईआर MRTP एक्ट के तहत दर्ज कराई गई है।