OMG! शराबबंदी की तो महाराष्ट्र को इतना होगा नुकसान

पुणे | समाचार ऑनलाइन

बिहार की तर्ज पर महाराष्ट्र में शराबबंदी के बारे में राज्य सरकार सोच भी नहीं सकती। क्योंकि पहले से कर्ज में डूबे महाराष्ट्र को शराबबंदी के चलते काफी बड़े आर्थिक नुकसान पहुंच सकता है। अगर महाराष्ट्र में संपूर्ण शराबबंदी लागू की राज्य सरकार को कम से कम 23 हजार करोड़ रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ेगा। यह जानकारी राज्य के आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर में शुरू मानसून सत्र में दी है।

कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार व अन्य सदस्यों ने विधानसभा में यह मामला उठाया था। सदस्यों के उठाए सवालों का जवाब देते हुए आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि, संपूर्ण शराबबंदी लागू की राज्य सरकार को कम से कम 23 हजार करोड़ रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ेगा। दूसरी ओर राज्य के जिन तीन जिलों में सरकार ने शराब बंदी लागू की है, उन जिलों में एक साल के भीतर में 25 हजार 898 लोगों को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया।

चंद्रपुर जिले में 24.54 करोड़, वर्धा जिले में 18.96 करोड़ और गडचिरोली जिले में 8.85 करोड़ रुपये की शराब पिछले साल पकड़ी गई। मंत्री बावनकुले ने यह भी स्वीकार किया कि राज्य में बड़े पैमाने पर दूसरे राज्यों से शराब आती है। इसकी रोकथाम के लिए ग्राम रक्षक दलों का कानून बनाया गया है। उन्होंने विधायकों से अपील किया कि वे ग्राम रक्षा दलों की स्थापना में सरकार का सहयोग करें। ग्राम रक्षक दल कानून में 24 घंटे में कार्रवाई का प्रावधान है। जनता के सहयोग के बिना अवैध शराब की बिक्री पर नियंत्रण नहीं लगाया जा सकता।

अवैध शराब की बिक्री पर राज्य उत्पादन शुल्क कार्रवाई कर रहा है। महाराष्ट्र के तीन जिलों वर्धा, गढ़चिरोली और चंद्रपुर में पहले से शराब बंदी लागू है। इन तीन जिलों में शराब बेचने वालों पर राज्य उत्पादन शुल्क कार्रवाई कर रहा है। 2017-18 में कुल 507 मामलों में 25 हजार 898 लोगों पर कार्रवाई की गई। सरकार चंद्रपुर में शराब बंदी को लेकर कड़े कदम उठा रही है। चंद्रपुर, वर्धा और गड़चिरोली जिलों में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए राज्य उत्पादन शुल्क और पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के 22 पद मंजूर किए गए हैं, यह भी उन्होंने बताया।