एक बार फिर जून में ब्याज दरों में कमी कर सकता है RBI, रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की संभावना

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – केंद्रीय रिजर्व बैंक एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। लंदन स्थित वैश्विक सूचना प्रदाता आईएचएस मार्किट के मुताबिक मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे के बढ़ते के कारण आरबीआई जून के बाद 2019 में दरों में कटौती नहीं कर पाएगा। इसलिए आरबीआई जून में एक बार फिर अपने ब्याज दरों में कटौती करने के बारे में विचार कर रहा है।

अप्रैल में भी की थी कटौती

इससे पहले आरबीआई ने फरवरी और अप्रैल में इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। जिसके बाद से बैंकों ने अपने ब्याज दरों में कटौती शुरू की। आईएचएस मार्किट की वैश्विक मौद्रिक नीतियों और उनके आर्थिक प्रभाव को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल के मध्य तक आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति को कठोर कर सकती है।

इकोनॉमी ग्रोथ के लिए की थी कटौती

आरबीआई ने बताया कि ग्राहकों को राहत देने के लिए बैंकों की ओर से विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में आरबीआई की मौद्रिक नीतियों और कर्ज देने के नियमों में ढील दिए जाने के कारण इकोनॉमिक ग्रोथ को सहारा मिला है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के कारण राजकोषीय खर्च भी बढ़ा है जिसके कारण इकोनॉमी को सहारा मिला है।

खाद्य महंगाई में हो सकती है बढ़ोतरी

आईएचएस मार्किट की रिपोर्ट के मुताबिक जून के बाद खाद्य महंगाई में भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा तेल की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में यह 5 फीसदी को पार कर सकता है। इस साल यह 4।2 फीसदी औसत तक बना रहेगा। अगले साल 2020 में यह 5।3 फीसदी तक पहुंच सकता है।