पुणे में लगातार तीन दिनों से ऑर्डिनेस फैक्टरी बंद

देश भर में 4 लाख से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल पर

पुणे : समाचार ऑनलाइन – पिछले तीन दिनों से पुणे के साथ देशभर में ऑर्डनन्स फैक्टरी, डेपो व ऑफिस हड़ताल के चलते बंद किए गए हैं। इस हड़ताल में देशभर के 4 लाख से ज्यादा कर्मचारी शामिल हुए हैं। यह हड़ताल 23, 24 और 25 जनवरी के दौरान किया गया। पूरे देश में गोलाबारुद से संबंधी फैक्टरी और डेपो को बंद किया गया है। यह हड़ताल  बी. पी. एम. एस, ए. आई. डी. ई. एफ  व आई. एन. डी. डब्लयू.एफ की ओर से पूरे देश में एकजुट होकर यह आंदोलन किया जा रहा है। पुणे में 32 रक्षा  कारखाने, डेपो व 25 हजार से ज्यादा कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं।

देश के तीन बड़े फेडरेशन द्वारा इन मांगों के चलते हड़ताल की जा रही है।

– हमारे सशस्त्र बलों को आधुनिक रक्षा और युद्ध क्षेत्र के उपकरणों से लैस करना।
– उत्पादन सुविधाओं का निरंतर आधुनिकीकरण करना।
– कर्मियों को प्रशिक्षित और प्रेरित करने के लिए।
– अधिग्रहण, तालमेल, इन हाऊस में अनुसंधान और विकास के माध्यम से प्रौद्योगिकियों से लैस करवाना।
– गुणवत्ता में लगातार सुधार करवाना।
– सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग द्वारा परिचालन क्षमता और संचार में सुधार करवाना
–  उच्चतम स्तर में संतोषजनक सुधार करवाना।
– रक्षा, गैर रक्षा और निर्यात बाजारों में ग्राहक आधार बढ़ाने और वैश्विक उपस्थिति स्थापित करवाना।

ऑर्डनन्स फैक्टरी

रक्षा उद्योग में आज की हड़ताल अद्वितीय थी क्योंकि यह श्रमिकों के किसी भी वित्तीय या कलात्मक लाभ को बढ़ाने के लिए नहीं थी, यह हड़ताल केवल रक्षा उद्योग को बचाने की मांग करती है जिसने देश को 150+ से अधिक वर्षों तक सेवा दी है और इसे देश की रक्षात्मकता का चौथा स्तंभ कहा जाता है।सरकार को अपनी उत्पादकता की रक्षा और वृद्धि करनी चाहिए।  यह जानकारी  निलेश खेडकर (भारतीय मजदूर संघ, महाराष्ट्र प्रदेश) ने पुणे समाचार की प्रतिनिधी को दी।

इस हड़ताल का नेतृत्व  बी. पी. एम. एस के ज्वाइंट सेक्रेटरी ज्ञानेश्वर जाधव, एआईडीईएफ के सेक्रेटरी रविंद्र रेड्डी व ऑल इंडिया इंटक के सुभाष वाघमोडे ने किया है।