अब एटीएम कार्ड के ऑरिजिनल नंबर नहीं बल्कि टोकन नंबर देकर कर पाएंगे पेमेंट

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – आज कल क्रेडिट और डेबिट कार्ड में धांदली बढ़ गयी है। थोड़ी सी असावधानी आपको खतरे में डाल सकती है। इसी वजह से लोग किसी डिवाइस या ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर अपना कार्ड डेटा स्टोर करने से हिचकते हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) कार्ड नंबर की जगह 16 अकों का टोकन जारी करवाने की व्यवस्था करने जा रहा है। टोकन बैंकों की ओर से जारी किए जाएंगे जिन्हें कार्ड के असली नंबर की जगह इस्तेमाल किया जा सकेगा। आरबीआई का यह कदम गेम चेंजर साबित हो सकता है।

नए नियम से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। खासकर थाइलैंड जैसे देश की यात्रा पर जाने के अपने जोखिम होते हैं क्योंकि वहां कार्ड-स्कीमिंग सिंडिकेट्स बेहद सक्रिय हैं जो पब्स और ईटरीज जैसी जगहों पर कार्ड डेटा स्कीम कर लेते हैं। कई बार इंटरनैशनल वेबसाइटों से ई-सिगरेट कार्ट्रिज, माउंटेन साइकल पार्ट्स या ड्रोन आदि ऑर्डर करना भी काफी जोखिम भरा होता है क्योंकि उन वेबासइटों पर भारतीय वेबसाइटों की तरह टू-फैक्टर अथॉन्टिकेशन की अनिवार्यता नहीं होती है। टोकन का सबसे प्रमुख सिक्यॉरिटी फीचर इसमें लगातार बदलना है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डेबिट कार्ड के बदले 16 डिजिट का टोकन हर ट्रांजैक्शन के बाद बदल जाएगा। देश में अब तक ज्यादातर इनोवेशन यूपीआई और आईएमपीएस प्लैटफॉर्मों को लेकर हो रहे हैं, लेकिन कार्ड्स को लेकर यह पहला बड़ा इनोवेशन है। इन्क्रिप्शन और टोकनिजम के जरिए हमें ई-कॉमर्स स्पेस में फर्जीवाड़े की बहुत कम गुंजाइश बच पाने की उम्मीद है। ईवीएम कार्ड और पिन के कारण एटीएम फ्रॉड में कमी आई है, लेकिन ऑनलाइन स्पेस में आगे का रास्ता टोकनिजम ही है।