पटना: वायु प्रदूषण पर घोषणापत्र जारी, 15 साल पुराने वाहनों पर रोक

पटना : समाचार ऑनलाइन – जलवायु परिवर्तन के कारण आकस्मिक बाढ़, जल जमाव, भूकंप, कार्बन उत्सर्जन, वायु प्रदुषण आदि शहरों और उसके अस्सपस्स की बस्तियों की सबसे बड़ी समस्या है। वायु प्रदूषण पर रोक के लिए भारत सरकार को मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर 15 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के साथ ही साफ ईंधन को बढ़ावा देने की जरुरत है, ऐसा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कही।

वे मंगलवार को अर्बन क्लाइमेट रिजिलियन्स: द कॉन्टेक्सट ऑफ़ रिवर बेसिन पर बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने वायु प्रदूषण पर पटना घोषणापत्र को भी जारी किया। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अध्ययन में शामिल असम के जोरहाट, पश्चिम बंगाल के बसीरहाट और बिहार के सहरसा आदि शहरों में बाढ़ के प्रभाव को कैसे कम किया जाये, इस पर गहन विचार करने की जरुरत है।

वहीं, गंगा के किनारों के शहरों में जल जमाव की बड़ी समस्या है। बिल्डिंग बायलॉज में प्रावधान है, लेकिन इसके बावजूद वर्षा जल के संचयन को सख्ती से लागू करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भूकम्परोधी भवन के निर्माण को बढ़ावा देने की जरुरत है, क्योकि बिहार के अधिकतर शहर भूकंप जोन-5 के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने कहा कि पटना में वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग के लिए पांच स्थानों पर एयर मॉनिटरिंग मशीन लगाने का निर्देश दिया है। जाड़े के मौसम में गंगा किनारे के शहरों के करीब दियारे के क्षेत्र उभर आते हैं जिसमे मिट्टी और बालू के कण उड़ कर वायु को प्रदूषित करते हैं। पटना के आसपास के पांच प्रखंडों में नए ईट भट्टा खोलने पर रोक के साथ पुराने इटभट्टों को नई तकनीक अपनाने के लिए एक साल का समय दिया गया है।