समाचार ऑनलाइन- देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके पिता मोती नेहरू पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के खिलाफ कोर्ट ने मॉडल व एक्ट्रेस पायल रोहतगी को जेल भेजने का फरमान सुनाया है. समाजसेवी और यूथ कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा द्वारा पायल के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. इसके बाद से यह खबर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है.
ताजा जानकारी के अनुसार एक्ट्रेस पायल रोहतगी को कोर्ट ने 24 दिसंबर तक के लिए जेल की सजा सुनाई है. अब कोर्ट के फैसले के बाद पायल को 24 दिसंबर तक जेल में ही रहना पड़ेगा. बता दें कि राजस्थान की बूंदी पुलिस ने पायल को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया था.
https://twitter.com/Payal_Rohatgi/status/986820743349465088
बता दें कि अपनी गिरफ्तारी के तुरंत बाद पायल ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की थी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि “मुझे राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है, क्योंकि मैंने मोती लाल नेहरू पर एक वीडियो बनाया था. वीडियो में दी गई जानकारी मैंने गूगल से निकाली थी. क्या अभिव्यक्ति की आजादी एक मजाक है?” पायल ने अपने इस ट्वीट में PMO इंडिया और गृह मंत्रालय को भी टैग किया था.
This is freedom of Speech in Congress Ruling state, @HMOIndia @PMOIndia @narendramodi Sir. Please have a look this matter🙏 https://t.co/t9zwiuTu7w
— SANGRAM U SINGH (@Sangram_Sanjeet) December 15, 2019
पायल के इस ट्वीट के बाद भारतीय रेसलर और पायल के पार्टनर संग्राम सिंह भी उनके बचाव में आगे आ गए थे. उन्होंने भी एक ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री को मामले का संज्ञान लेने की अपील की थी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि, “क्या कांग्रेस रूलिंग स्टेट में ये अभिव्यक्ति की आजादी है? सर कृपया इस तरफ ध्यान दीजिए.” इस ट्वीट के साथ संग्राम सिंह ने गृह मंत्रालय, पीएमओ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया था.
हालाँकि इस मामले में उन्हें किसी की भी सहायता नहीं मिल पाई और आख़िरकार कोर्ट ने पायल की जमानत याचिका को ख़ारिज करते हुए, उन्हें जेल भेजने का फैसला सुना दिया है.
क्या कहा गया है शिकायत में?
बता दें कि पायल रोहतगी के देश के इन नेताओं के कथित आपत्तिजनक वीडियो के खिलाफ समाजसेवी और यूथ कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने मामला दर्ज कराया था. उन्होंने अपने शिकायत में कहा है कि, कथित पोस्ट में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु को लेकर भी आपत्तिजनक लिखी गईं हैं, जिससे भारत के विदेशी संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह पोस्ट धार्मिक भावनाओं को भी आहत पहुंचाती है और राष्ट्रीय एकता और अखंडता के विपरीत है.
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