गणेश मूर्ति ढंकने के लिए प्लास्टिक इस्तेमाल को मिली अनुमति

मुंबई। पुणे समाचार ऑनलाइन
प्लास्टिक इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने के बाद महाराष्ट्र के सबसे बड़े उत्सव गणेशोत्सव में तरह तरह की बाधाएं आ रही हैं। साज- सज्जा के लिए इस्तेमाल होने वाली थर्माकोल व प्लास्टिक की वस्तुओं पर भी रोक कायम रहने के बाद गणराया की मूर्तियां बनाने वाले कारीगरों के समक्ष बड़ा प्रश्न खड़ा हुआ। वह था शाडू की मूर्तियों को ढंकने का। इसके लिए मूर्तिकारों ने मुंबई मनपा और बृहनमुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति से दरकार लगाई थी। आखिरकार मनपा की विशेष उपायुक्त निधि चौधरी के साथ हुई चर्चा के बाद मूर्तियों को बरसात से बचाने के लिए प्लास्टिक के आवरण इस्तेमाल करने हेतु अनुमति दी गई। गणराया के आगमन और विसर्जन दोनों के लिए यह अनुमति दी गई है।
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गणराया की शाडू की मूर्तियों को सुखाने और बरसात आदि से बचाने के लिए उसे प्लास्टिक के आवरण से ढंककर रखा जाता है। आगमन और विसर्जन के लिए भी यही आवरण बरसात आदि से संरक्षण करता है। इस बार मात्र महाराष्ट्र में प्लास्टिक इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने से मूर्तिकारों और गणेशभक्तों की चिंता बढ़ गई थी। इसके लिए मूर्तिकारों और गणेशभक्तों ने मुंबई मनपा और बृहनमुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति से दरकार लगाई थी। मनपा की विशेष उपायुक्त निधि चौधरी के साथ हुई चर्चा में इस बात को रखा गया, जिसमें उन्होंने उपरोक्त आदेश दिया। इस बैठक में गणेश मंडलों द्वारा प्लास्टिक की थैलियों में बांटे जानेवाले प्रसाद के मुद्दे पर भी चर्चा मि गई। इसके लिए मात्र अनुमति नहीं दी गई। प्रसाद को प्लास्टिक की बजाय बटरपेपर में देने की सलाह दी गई है। नारियल, हार-फूल, प्रसाद के लिए प्लास्टिक की बजाय कपड़े की थैलियों को इस्तेमाल में लाने की सूचना मनपा द्वारा दी गई। पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक बंदी का प्रचार प्रसार करने हेतु गणेशोत्सव समन्वय समिति ने तैयारी दर्शायी।