पिंपरी चिंचवड़ मनपा के 289 कर्मियों की नौकरी पर आफत!

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

पिंपरी चिंचवड मनपा के वर्ग 3 व 4 के 289 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ गई है, क्योंकि उन्होंने रिजर्व सीट से नौकरी हासिल करने के बाद अब तक अपने जाति वैधता प्रमाणपत्र प्रशासन को नहीं सौंपे हैं। मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर के ‘अल्टीमेटम’ को भी कई कर्मचारियों ने गम्भीरता से नहीं लिया। इसकी वास्तविकता दर्शाने वाली रिपोर्ट आयुक्त को सौंप दी गई है, अब वे इन कर्मचारियों के मामले में क्या कदम उठाते हैं? इसकी ओर सभी की नजरें गड़ गई हैं।

पिछड़ी जाति प्रवर्ग हेतु आरक्षित सीटों से 323 अधिकारी व कर्मचारी मनपा की सेवा में शामिल हुए हैं। नियुक्ति के छः माह के भीतर उन्हें अपने जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश करने अनिवार्य है। हांलकि सालों बाद भी इसकी सुध नहीं ली जा रही है। राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति समिति के सदस्यों ने मनपा के दौरे के दौरान इस मुद्दे पर कड़ी नाराजगी जताई थी। समिति सदस्यों की बैठक में रिजर्व सीटों से मनपा की सेवा में दाखिल हुए 323 अधिकारी व कर्मचारियों ने जाति पडतालनी नहीं कराए जाने के साथ ही उनमें से 144 ने इसके लिए आवेदन तक नहीं किये जाने की जानकारी सामने आई। इसमें ज्यादातर वर्ग 4 के कर्मचारी हैं, कुछ अधिकारियों का भी इसमें समावेश है।

इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर ने रिजर्व सीट से मनपा की सेवा में दाखिल हुए सभी अधिकारी व कर्मचारियों को जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश करने के आदेश दिए साथ ही इसके लिए 27 अप्रैल की डेडलाइन भी तय की। इस मियाद में मात्र 25 लोगों ने ही जाति वैधता प्रमाणपत्र पेश किये हैं। अन्यों ने आयुक्त के अल्टीमेटम को गम्भीरता से नहीं लिया। इनमें 144 कर्मचारियों ने न तो यह प्रमाणपत्र पेश किया न ही उसके लिए पडतालनी समिति को आवेदन दिया। अब जबकि मनपा आयुक्त द्वारा तय की डेडलाइन समाप्त हो चुकी है तब ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? इसकी ओर उत्सुकता से देखा जा रहा है।