पिंपरी-चिंचवड़ मनपा कर्मचारी महासंघ को कोर्ट का झटका

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – पिंपरी-चिंचवड़ मनपा कर्मचारी महासंघ में पैदा हुआ विवाद इंडस्ट्रियल कोर्ट तक पहुंचा था। कोर्ट द्वारा सुनाए गए निर्णय से संघ से बाहर हुए सदस्यों को राहत मिली है। कोर्ट ने महासंघ पर प्रतिबंध का आदेश दिया है। यह जानकारी अंबर चिंचवड़े ने रविवार को पत्रकार-वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से सिर्फ एक ही व्यक्ति के नियंत्रण में चल रहे महासंघ के कामकाज नियंत्रित होंगे साथ ही फिलहाल कार्यरत पदाधिकारियों पर भी शिकंजा कस गया है कर्मचारी महासंघ के ट्रेजरर अंबर चिंचवड़े ने पत्रकार-वार्ता में कोर्ट के आदेश की विस्तृत जानकारी दी। यहां विलास नखाते, संदेश नले, योगेश कासार, दिलीप काटे, मधुकर रणपिसे, हेमंत जाधव, मिलिंद काकड़े, गणेश भोसले एवं अंकुश तांबे आदि उपस्थित थे।

अंबर चिंचवड़े ने कहा, ङ्गअध्यक्ष झिंझुर्डे व कुछ पदाधिकारी मनमानी कर रहे हैं। महासंघ का रजिस्ट्रेशन कानून का पालन करते हुए किया गया है। इस वजह से पदाधिकारियों की संख्या भी निर्धारित की गई है, मगर चुनाव के माध्यम से पदाधिकारियों की नियुक्ति जरूरी होने के बावजूद अध्यक्ष ने अब तक चुनाव नहीं कराया। इंडस्ट्रियल कोर्ट में शिकायत किए जाने पर कोर्ट ने संगठन के अध्यक्ष व पदाधिकारियों पर वार्षिक साधारण सभा व अन्य बैठकों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया है। अगली सुनवाई तक मनपा के सेविंग एकाउंट से ट्रांजेक्शन्स पर भी रोक लगाई गई है। पिछले कई सालों से चुनाव सिर्फ कागजों पर ही कराए जा रहे हैं। संगठन के गलत कार्यों का विरोध करने पर मुझे ट्रेजरर पद से गैरकानूनी तरीके से हटाया गया तथा कार्यकारिणी में कार्याध्यक्ष पद शामिल न होने के बावजूद मुझे कार्याध्यक्ष बना दिया गया। लेबर कमिश्नरेट में की गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पिछले कई सालों में संगठन द्वारा किए गए अनियमित कार्यों की रिपोर्ट बनाई जा रही है। कई सालों से बबन झिझुर्डे मनमानी कर रहे हैं। संगठन में विवाद के चलते बबन झिंझुर्डे का दबदबा समाप्त हो गया है।फ