पिंपरी चिंचवड: स्मार्ट सिटी के पहले टेंडर में ही ‘रिंग’

विपक्ष के नेता ने लगाया सीएमओ से दबाव का आरोप

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना के तहत पिंपरी चिंचवड़ मनपा द्वारा शुरू की गई 250 करोड़ रुपए की फाइबर ऑप्टिक केबल की टेंडर प्रक्रिया में ‘रिंग’ किये जाने का आरोप लगाया जा रहा है। इसका टेंडर एल एंड टी कंपनी को देने की तैयारी की गई है, जिसने 21 करोड़ रुपए ज्यादा दर से टेंडर भरा है। यही नहीं इसकी टेंडर प्रक्रिया में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से हस्तक्षेप किये जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए विपक्षी दल के नेता दत्ता साने ने यह टेंडर रद्द करने की मांग की है।

पिंपरी चिंचवड़ में स्मार्ट सिटी के पहले ही टेंडर की प्रक्रिया में दूसरी कंपनियां शामिल न हो सके, इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से दबाव बनाया गया है। चार बार मियाद बढ़ाने के बाद भी सिर्फ तीन कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया, जबकि प्री बिडिंग मीटिंग में 20 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। 250 करोड के टेंडर के लिए एक हजार करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनियों को सामने रखकर टेंडर की शर्तें तय की गई। केंद्र सरकार द्वारा सुझाये गए कंसल्टेंट को दूर रखकर मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने अपने नागपुर ‘कनेक्शन’ वाले कंसल्टेंट की नियुक्ति की।

टेंडर प्रक्रिया में शामिल हुई केईसी इंटरनेशनल और बीएसएनएल, अशोका बिल्डकॉन और टीसीआयएल, एल ॲन्ड टी इन तीन कंपनियों में से कम दर वाली कंपनी को टेंडर देने की तैयारी शुरू थी। अब 8.34 फीसदी ज्यादा दर से टेंडर भरने वाली एल ॲन्ड टी कंपनी को इसका ठेका दिया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से दबाव बनाया जा रहा है यह आरोप लगाते हुए विपक्ष के नेता दत्ता साने ने कहा कि, मनपा आयुक्त व सत्तादल भाजपा मिलीभगत से लोगों की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। स्मार्ट सिटी के पहले टेंडर में ही रिंग किए जाने का दावा कर उन्होंने इस टेंडर को रद्द करने की मांग की है।