पिंपरी चिंचवड: अधर में लटका पानी कटौती का फैसला!

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – वापसी की बारिश न होने के चलते पुणे की भांति पिंपरी चिंचवड शहर पर भी पानी कटौती का संकट लगातार मंडरा रहा है। मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में महापौर और दूसरे पदाधिकारियों ने कटौती का विरोध किया। हालांकि बैठक में कटौती न करने की राय बनी मगर अगले सप्ताह में साप्ताहिक कटौती के टाइमटेबल के साथ प्रेजेंटेशन देने के बाद इस पर अंतिम फैसला होगा। इसकी जानकारी मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर और सभागृह नेता एकनाथ पवार ने दी। जबकि महापौर राहुल जाधव और दूसरे गुटनेताओं ने कटौती की जरूरत ही नहीं रहने का दावा किया। 15 दिन के लिए कोई कटौती नहीं होगी कहकर महापौर बैठक से उठकर चले गए। नतीजन कटौती का फैसला अधर में लटक गया।
शहर को जलापूर्ति करनेवाले पवना बांध में फिलहाल 80 फीसदी पानी संचय रह गया है। इस साल की बारिश अच्छी रही, पवना बांध 100 फीसदी भर गया। मगर वापसी की बारिश उम्मीद के मुताबिक नहीं हुई। उसी में उपलब्ध जलसंचय का नियोजन करने में प्रशासन नाकाम साबित रहा। नतीजन पिछले दिनों शहर में पानी की भारी किल्लत बनी रही। इस पर सर्व साधारण सभा में विपक्ष समेत सत्तादल ने भी मनपा आयुक्त को आड़े हाथ लिया। आयुक्त हार्डीकर ने इस किल्लत के लिए जलापूर्ति व्यवस्था में 40 फीसदी रिसाव और बड़े पैमाने पर हो रही पानी की चोरी को जिम्मेदार बताया। साथ ही अवैध नल कनेक्शन नियमितीकरण की घोषणा कर पानी चोरी के लिए आपराधिक मामले दर्ज करने की चेतावनी दी।
पवना बांध में उपलब्ध पानी संचय अगले साल 30 जून तक के लिए पर्याप्त साबित होगा। अगर बरसात का आगमन देरी से हुआ तो दिक्कत बढ़ जाएगी। इसके चलते अभी से नियोजन करना जरूरी है। मनपा आयुक्त ने पहले ही पानी कटौती के संकेत दिए थे। उसी में सिंचाई विभाग ने मनपा को पवना बांध से मंजूर कोटे से अतिरिक्त पानी लेने पर रोक लगा दी है। मनपा को पवना बांध से रोजाना 440 एमएलडी पानी लेने की अनुमति है, मगर परोक्ष में 480 एमएलडी पानी लिया जा रहा है। यह अतिरिक्त पानी लेने पर रोक लगाए जाने के बाद से शहर में पानी की कटौती निश्चित मानी जा रही थी। महापौर राहुल जाधव समेत मनपा के दूसरे अहम पदाधिकारी विदेश दौरे पर रहने से इसका फैसला नहीं हो सका।
अब जबकि सभी पदाधिकारी विदेश से लौट आये हैं तब मनपा आयुक्त ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में महापौर राहुल जाधव, आयुक्त श्रवण हार्डीकर, सभागृह नेता एकनाथ पवार, विपक्ष के नेता दत्ता साने, शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे, मनसे के गुटनेता सचिन चिखले, वरिष्ठ नगरसेवक नाना काटे आदि समेत अन्य पदाधिकारी और जलापूर्ति विभाग के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। महापौर और सर्वदलीय नेताओं ने कटौती की कोई जरूरत नहीं रहने का दावा किया। बैठक में मनपा आयुक्त ने कहा कि, फिलहाल पवना बांध में 80 फीसदी जलसंचय है। मनपा द्वारा पवना नदी से 480 एमएलडी पानी लेकर शहर में उसकी आपूर्ति की जाती है। मौजूदा जलसंचय अगले साल 30 जून तक लिए पर्याप्त है। सप्ताह में एक दिन की कटौती करने पर बचानेवाला पानी 19 जुलाई तक के लिए पर्याप्त होगा। अगले सप्ताह इस कटौती के बारे में अंतिम फैसला होगा।

शहर के सात विभाग बनाकर साप्ताहिक कटौती की समयसारिणी तैयार की जाएगी, इसके बाद अगले सप्ताह विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया जाएगा और इसके बाद अंतिम निर्णय होगा। ऐसा मनपा के सभागृह नेता एकनाथ पवार और आयुक्त हार्डिकर ने बताया।