पीएम मोदी ने लालकिले से दिया अपना तीसरा सबसे बड़ा भाषण

नई दिल्ली | समाचार ऑनलाइन

आज 72वां स्वतंत्रता दिवस है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम मोदी आज लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सरकार की कई योजनाओं का जिक्र किया और उसकी उपलब्धियों को गिनाया. पीएम मोदी ने आज लालकिले की प्राचीर से 82 मिनट का भाषण दिया जो 15 अगस्त को दिया गया उनका तीसरा सबसे बड़ा संबोधन रहा. उन्होंने आज ध्वजारोहण के बाद सुबह सात बज कर 33 मिनट से अपना संबोधन आरंभ किया और 8 बज कर 55 मिनट पर उनका भाषण पूरा हुआ.

पीएम मोदी ने बलात्‍कारियों को दी चेतावनी

ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी ने बलात्‍कारियों को चेतावनी दी है. पीएम मोदी ने कहा है कि हमें अपने समाज और देश को रेप की घटिया मानसिकता से आज़ाद करना होगा. हाल ही में मध्य प्रदेश में एक बलात्कारी को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सज़ा सुनाई. हमें इस ख़बर को फैलाना चाहिए, और लोगों को जागरूक करना चाहिए. कानून का शासन सर्वोच्च है और किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे मंत्रिमंडल में इतिहास में सर्वाधिक महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया गया है.

लाल किले की प्राचीर से PM नरेंद्र मोदी ने पेश की ‘सबल भारत की बुलंद तस्‍वीर’

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए न्याय और हक़ को पूरा करने में मैं कोई कमी नहीं रखूंगा और ऐसी राक्षसी प्रवृति पर प्रहार करने और महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये मैं प्रतिबद्ध हूं. देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत की महिलाएं देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. खेत से लेकर खेल के मैदान तक महिलाएं योगदान दे रही हैं और स्कूल से लेकर सेना तक कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में कुछ राक्षसी शक्तियां भी हैं. बलात्कार की घटनाएं पीड़ा पहुंचाती हैं. हमें पीड़िता से ज्यादा पीड़ा होनी चाहिए. इस बुराई से देश को मुक्त करना होगा.

तीन तलाक के कारण मुस्लिम महिलाओं के साथ गंभीर अन्याय

पीएम मोदी ने कहा ‘तीन तलाक के कारण मुस्लिम महिलाओं के साथ गंभीर अन्याय होता है. इस कुप्रथा को खत्म करने के लिये हम प्रयासरत हैं.’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘तीन तलाक की कुरीति ने हमारे देश की मुस्लिम बेटियों की जिंदगी को तबाह कर दिया है, जिनको तलाक नहीं मिला है वे भी इस दबाव में गुजारा कर रही हैं.’ उन्होंने कहा कि इस समस्या से निजात दिलाने के लिये कानूनी उपाय करने के प्रयासों के तहत संसद के इस सत्र में भी प्रयास किये गये. हालांकि उन्होंने इस राह में आ रही बाधाओं का जिक्र करते हुये कहा ‘लेकिन अभी भी कुछ लोग हैं जो इसे पारित नहीं होने देते हैं.’ मोदी ने कहा ‘मैं देश की इन पीड़ित माताओं बहनों को और मेरी मुस्लिम बेटियों को विश्वास दिलाता हूं कि उनके न्याय के लिये, उनके हक के लिये कुछ भी करने में कमी नहीं रखूंगा और मैं आपकी आशाओं आकांक्षाओं को पूरा करके रहूंगा.’ उल्लेखनीय है कि तीन तलाक संबंधी विधयेक को हाल ही में खत्म हुये संसद के मानसून सत्र में लोकसभा से मंजूरी मिलने के बाद राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका. विपक्षी दल इस पर और अधिक स्पष्टीकरण के लिये विधेयक को संसदीय समिति के समक्ष भेजने की मांग कर रहे थे.

पीएम मोदी ने यह भी कहा, 

पीएम मोदी ने कहा कि हमें राक्षसी प्रवृत्ति पर प्रहार करने की आवश्यकता है. हम महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को अक्षुण्ण रखने के लिये प्रतिबद्ध हैं . मोदी ने कहा कि पिछले दिनों मध्यप्रदेश के कटनी में पांच दिनों में बलात्कारियों को फ़ांसी की सज़ा सुनाई गई. राजस्थान में भी ऐसा हुआ. इन ख़बरों को प्रचारित किया जाना चाहिए, जिससे इन राक्षसों को भय होगा. उन्होंने कहा ‘इस मानसिकता, सोच, विकृति पर प्रहार करने की ज़रूरत है. महिलाओं के न्याय, हक़ को पूरा करने में मैं कोई कमी नहीं रखूंगा. हमारे लिए कानून का शासन सर्वोच्च है. इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता. ’ महिलाओं के योगदान का जिक्र करते प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के कैबिनेट में सबसे ज्यादा महिला मंत्री हैं, सुप्रीम कोर्ट में आज तीन महिला जज हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं को स्थाई सर्विस देने का फैसला किया है.” उन्होंने कहा कि आजादी का यह पर्व हम तब मना रहे हैं जब हमारी बेटियों…. उतराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश की बेटियों ने सात समंदर पार किया और सातों समंदर को तिरंगे रंग से रंगकर लौट आईं. मोदी ने कहा ‘एवरेस्ट विजयी तो बहुत हुए. हमारे अनेक वीरों और बेटियों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है. आजादी के इस पर्व पर याद करूंगा कि आदिवासी इलाकों के हमारे बच्चों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर इसकी शान और बढ़ा दी.