पीएम मोदी ने कबीर के दोहे सुनाकर विपक्ष को सुनाई खरी-खरी

संतकबीर नगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को संत कबीर दास की निर्वाण स्थली मगहर पहुंचे। संत कबीर के प्राकट्य उत्सव पर पीएम ने संत कबीर नगर जिले के मगहर में कबीर की समाधि का दर्शन किया और मज़ार पर जाकर चादर चढ़ाई। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने यहां 24 करोड़ की लागत से बनने वाली कबीर एकेडमी की आधारशिला रखी। इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने संत कबीर के दोहे सुना-सुनाकर विपक्ष पर निशाना भी साधा। कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए मोदी ने कहा कि देश में आपातकाल को 43 साल हो गए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। ये समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। यह सभी लोग समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। देश में कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए। उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा।

अखिलेश पर हमला
पीएम मोदी ने अखिलेश यादव की पूर्व सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा, “गरीबों के लिए जब प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू हुई तो यहां की पुरानी सरकार का रवैया बहुत खराब था। हमने उस वक़्त कई चिट्ठियां लिखीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मगर जब से उत्तर प्रदेश में योगी जी की सरकार आई है यहां रिकॉर्ड घरों का निर्माण हो रहा है। आज महापुरुषों के नाम पर राजनीति की जा रही है। समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों का सत्ता के प्रति लालच आप देख रहे हैं। कुछ लोगों का मन तो बंगले पर अटका है, ऐसे लोग जमीन से कट गए हैं।

जब मैं था तो हरि नहीं…
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कबीर ने जाति-पाति के भेद तोड़े, ‘सब मानुस की एक जाति’ घोषित किया और अहंकार को ख़त्म कर उसमें विराजे ईश्वर का दर्शन करने का रास्ता दिखाया। वे सबके थे, इसीलिए सब उनके हो गए। पीएम ने कहा, “कबीर के दोहों को समझने के लिए किसी शब्दकोष की जरूरत नहीं। उन्होंने जन-जन तक अपनी बातों को पहुंचाया। उन्होंने कहा था कि जब मैं था तो हरि नहीं, जब हरि था तो मैं नहीं, मतलब अपने अहंकार में डूबा था तब कुछ नहीं दिखा।”

भलाई की चिंता नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तीन तलाक के मामले में भी इन राजनीतिक दलों को देखा है। आज मुस्लिम महिलाएं भी तीन तलाक के खिलाफ हैं, लेकिन राजनीतिक दलों के लोग मुस्लिम महिलाओं की भलाई की कोई चिंता नहीं है। कबीरदास ने कहा था कि शासक वही है जो जनता की पीड़ा को समझता हो और उसका निदान करता हो। लेकिन अफसोस कुछ परिवार आज कबीरदास की बात को पूरी तरह नकारने में लगे हैं। वह भूल गए हैं कि आज हमारे साथ कबीर दास हैं। कबीर दास मनुष्य-मनुष्य के बीच भेद पैदा करने वालों के खिलाफ थे।

काल करे सो आज कर
अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए मोदी ने कहा हमारी सरकार गरीब, दलित, पीडि़त, वंचित लोगों के लिए काम कर रही है। पांच करोड़ लोगों का खाता खुलवाया है, करीब एक करोड़ लोगों को सुरक्षा बीमा का कवच देकर और यूपी के गांवों में सवा करोड़ शौचालय बनवाये गए हैं। कबीर श्रमयोगी थे, कबीर ने कहा था कि ‘काल करे सो आज कर’ हम उसी राह पर चलते हुए तेजी सड़कें बना रहे हैं। भारत का पूर्वी भाग विकास से अलग कर दिया था। आज काम हो रहा है।

आगे बढ़ाए जायेंगे कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मुझे भी तीर्थ स्थल पर आने का मौका मिला। मैने कबीर की मजार पर चादर चढ़ाई, फूल चढ़ाया। कबीर दास की गुफा भी देखी। करीब 24 करोड़ रुपए की लागत से कबीर के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर का पूरा जीवन सत्य की खोज में बीता है। वह फक्कड़ स्वभाव के थे, लेकिन दिल के साफ थे। बाहर से कठोर और भीतर से कोमल थे। वह अपने जन्म से नहीं कर्म से महान बन गए। उन्होंरने कहा था कि यदि हृदय में राम है तो क्याह काशी क्या मगहर।