भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बदलते ही राजनीतिक समीकरण बदले

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – विधानसभा चुनाव के ऐन पहले भाजपा ने शरद पवार के कट्टर विरोधी माने जाने वाले और परिवारवाद पर जबर्दस्त हमला बोलने वाले चंद्रकांत पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। उनके रूप में भाजपा को प्रबल संगठक मिल गया है। ऐसे में पिंपरी-चिंचवड़ शहर के निष्ठावान कार्यकर्ताओं में इसे लेकर काफी खुशी है। राज्य के राजस्वमंत्री, सार्वजनिक निर्माणकार्य मंत्री के साथ-साथ पुणे के पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल के पास अधिकारों का संग्रह हो गया है। उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने से चिंचवड़ और भोसरी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों को तय करने में उनकी भूमिका निर्णायक साबित होगी।

चंद्रकांत पाटिल को शरद पवार को कट्टर विरोधी माना जाता है। उन्होंने शरद पवार का गढ़ माने जाने वाले पश्चिम महाराष्ट्र  में सेंध लगा दी है। लोकसभा चुनाव में भी शहर पवार का गढ़ माने जाने वाले बारामती लोकसभा सीट पर चंद्रकांत पाटिल ने ताल ठोका था। वैसे यहां से भाजपा उम्मीदवार हार गई लेकिन इस पर हाल ही में पिंपरी-चिंचवड़ के प्राधिकरण की बैठक में आकुर्डी में कहा कि 2024 में शरद पवार की पुत्री सांसद सुप्रिया सुले को हराना लक्ष्य है।
मंत्रिमंडल में दूसरे नंबर के मंत्री रहते हुए उन्हें पुणे के पालकमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया है। चंद्रकांत पाटिल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह का निकटवर्ती माना जाता है। पुणे के पदवीधर निर्वाचन क्षेत्र से वह लगातार दो बार चुनकर आ चुके हैं।

उम्मीदवार चुनना आसान नहीं होगा

चंद्रकांत पाटिल को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनाये जाने से यह साफ हो गया है कि भाजपा पश्चिम महाराष्ट्र और पुणे जिले पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना-भाजपा का गठबंधन निश्चित माना जा रहा है। चिंचवड़ विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक है। विधायक रहते हुए भी लक्ष्मण जगताप के पास शहराध्यक्ष पद  की जिम्मेदारी है। विधानसभा चुनाव में उनके साथ और कई लोग चुनाव लड़ने के इच्छुक है। भोसरी विधानसभा सीट से विधायक महेश लांडगे के सहयोग सदस्य है। भोसरी से मनपा में सभागृह नेता एकनाथ पवार भी चुनाव लड़ने के इच्छुक है। ऐसे में मौजूदा विधायक को मौका देना है या नहीं? या किसे नये चेहरे को उम्मीदारी दी जाएगी? इस पर  निर्णय लेना प्रदेशाध्यक्ष और पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल के लिए आसान नहीं होगा।